वायरल फीवर बुखार का उपचार लक्षण

वायरल फीवर बुखार

वायरल फीवर का उपचार
वायरल फीवर का उपचार

अकर यह सुनने में आता है की वायरल फीवर या  वायरल बुखार हुआ है| बरसात की मौसम में इसका प्रकोप बढ़ता है| लेकिन इसमे घबराने की जरुरत नहीं है, दवा से है ज्यादा सावधानी ही इसका उपाय है|

वायरल फीवर का लक्षण:

वायरल बुखार के लक्षन सामान्य की तरह ही होते है| सीर में दर्द, बदन में दर्द के साथ अचानक बुखार चढ़ाना.

गले में खराश और खिचखिच , नाक व गले में खुजली होना और नाक से पानी गिरना इसके सामान्य लक्षण है|

डॉक्टर का मानना है की वायरल बुखार एक संक्रामक विषाणु के जरिए फैलता है|

यह विषाणु ऐसा है की स्वस्थ इंसान के शरीर में भी प्रवेश कर जाता है और एक दो दिन बाद बुखार होता है|

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वायरल फीवर होने के कारण:

डॉक्टर का मानना है की बुखार ठंडे वातावरण से गरम और गरम से ठंडे में जाने के कारण होता है|

फ्रीज़ या बर्फ का ठंडा पानी पिने से, ज्यादा ठंडे  पेय-पदार्थ का सेवन करने से, आइस्क्रीम  खाने के बाद गले में होने वाली खराश से इसकी शुरुवात होती है|

अचानक भीगने या भीगे कपडे पहने रखने से जुखाम की शिकायत होती है|

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वायरल फीवर का उपचार :

  • गरम पदार्थो का सेवन करना चाहिए|
  • तुलसी-पत्र तथा अदरक वाली चाय में लौंग, इलायची डालकर पिए इससे बहुत आराम मिलेगा|
  • पानी को गरम करके इसमे नमक डाले, इस पानी से बार बार गरारे करे|
  • रोगी को ताजा फल दे, परंतु  केला या संतरा ना दे|
  • तेज बुखार की स्थिति में रोगी के सीर पर ठंडे पानी की पट्टी रखे|
  • भोजन में हरी सब्जिया तथा हल्का और सुपाच्य खाना दे, परंतु भोजन पौष्टिक होना चाहिए|
  • गले की खराश मिटने के  लीये हलके गरम पानी में शहद मिलाकर धीरे धीरे पीते रहे|
  • सीरदर्द , बदन दर्द से राहत के लिए पैरासिटामोल गोली यानिकी टेबलेट ले सकते है|
  • बुखार के ठहरने या रोगी के ज्यादा परेशान होने की स्थिति में चिकित्सक को अवश्य दिखाए|

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