टाइफाइड के लक्षण जाने क्या है इसके घरेलू उपचार

टाइफाइड कैसे होता है ?

टाइफाइड को यदि बुखार भी कहा जाता है, यह रोग सारी दुनिया भर में शरीर में बैक्टीरिया जाने के कारण होता है| इसमें अगर खाने पीने में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर जब जाता है, तब हमें टाइफाइड फीवर होता है | देखा जाए तो टाइफाइड का बैक्टीरिया हमारे शरीर में आंतों के बीच और खून के अंदर रहता है और यह रोग अगर हम खुले में शौच करते हैं और उस सोच के नजदीक किसी व्यक्ति जाता है, तब उस व्यक्ति को भी टाइफाइड हो सकता है |

टाइफाइड कैसे होता है
टाइफाइड कैसे होता है

टाइफाइड की बीमारी की तरफ ध्यान न देने के कारण आमतौर पर तीन चार लोगों में से एक आदमी की मौत हो जाती है | कई लोगों को टाइफाइड होने के बाद भी पता नहीं चलता है कि टाइफाइड कैसे हुआ है और टाइफाइड हुआ है या नहीं, इसलिए आपको जानना चाहिए कि टाइफाइड होने के लक्षण क्या है ?

टाइफाइड बुखार के लक्षण हिंदी में :

टाइफाइड बुखार के लक्षण
टाइफाइड बुखार के लक्षण

दोस्तों देखा जाए तो टाइफाइड की बीमारी 2-3 हफ्ते में हमारे शरीर में हो जाती है और इस बीमारी के लक्षण हैं –

  1. टाइफाइड के कारण हमेशा सिर दर्द रहता है |
  2. भूख ना लगना टाइफाइड का प्रमुख लक्षण है |
  3. शरीर में बदन दर्द करना यह टाइफाइड का लक्षण माना गया है |
  4. दस्त अधिक मात्रा में होना टाइफाइड के कारण हो सकता है |
  5. अगर हमारे शरीर में 104 डिग्री के ऊपर बुखार है, तो समझ जाना चाहिए कि यह टाइफाइड होने का संकेत है |
  6. छाती में कफ जमा होना और पेट में बार बार दर्द होना यह टाइफाइड में होता है |

ऊपर दिए गए सभी लक्षण टाइफाइड बीमारी के लक्षण है, यदि आप अपने तबीयत के बारे में अच्छे से सोचते हो तो आपको एक बीमारी के लक्षण से पता चल सकता है कि आप को टाइफाइड है या नहीं और आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है |

टाइफाइड बुखार होने के कारण क्या है ?

टाइफाइड बुखार होने के कारण
टाइफाइड बुखार होने के कारण

अगर हमें पता चल जाएगी टाइफाइड बुखार किस कारण होता है तो हम पहले से ही टाइफाइड होने से बच सकते हैं इसीलिए हमें अपने तबीयत की तरफ ध्यान से खयाल रखना चाहिए |

टाइफाइड बुखार होने के प्रमुख कारण क्या है ?

  • अगर किसी व्यक्ति को टाइफाइड है तो अगर वह व्यक्ति पेशाब करने के लिए जाता है और पेशाब करने के बाद अपने हाथों को नहीं धोता है, अगर वह व्यक्ति तुरंत किसी खाने को छूता है और वह कोई और खा लेता है तो उस व्यक्ति को भी टाइप हो सकता है |
  • शौचालय का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को किसी के मुंह को छूने से भी टाइफाइड रहता है | साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित नदी-नाले या अन्य किसी पानी वाले स्रोत को अगर कोई पीता है तो वहां बैक्टीरिया जल्दी फैलता है और इस पानी से भोजन बनाने से जो लोग भोजन का सेवन करते हैं उनके शरीर में टाइफाइड का संक्रमण होता है |
  • टाइफाइड के बैक्टीरिया से संक्रमित पानी में मछली हम आते हैं तो इस मछली को खाने के कारण भी आपको टाइफाइड हो सकता है | संक्रमित व्यक्ति के मल के खाद से उगाई गई सब्जी और फल खाने से टाइफाइड हो सकता है |
  • अगर किसी व्यक्ति को टाइफाइड है और उस व्यक्ति के साथ ओरल सेक्स करते हो या फिर उस व्यक्ति के साथ एनल सेक्स करते हो तो टाइफाइड जल्दी होता है |

तो हम टाइफाइड के लक्षण से बीमारी का संक्रमण होने से बचा सकते हैं और टाइफाइड बुखार होने के कारण से हम जान सकते हैं कि इससे कैसे बचा जाए |

टाइफाइड होने के बाद क्या खाना चाहिए ?

अगर हमारे शरीर में टाइफाइड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और हमें पता चल गया है कि हमें टाइफाइड है तो हमें कुछ चीजों को खाने में परहेज करना चाहिए और कुछ चीजों को अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए जैसे कि –

  • टाइफाइड के समय जूस या सूप जैसे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए |
  • अंडे मछली चिकन और पनीर जैसे चीजों का सेवन ज्यादा करने से हमारे शरीर शरीर में प्रोटीन की कमी निकल जाती है और इससे हमें टाइफाइड में इलाज के लिए मदद होती है |
  • टाइफाइड हुआ है तो दूध और दूध से बने हुए चीजों का सेवन करना चाहिए, इससे टाइफाइड होने के बाद भी शरीर में कमजोरी नहीं रहती है |

टाइफाइड होने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए ?

यदि आपको टाइफाइड की बीमारी हुई है, तो आपको अपने खाने की तरफ ध्यान रखना चाहिए हो सके तो आपको कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए जैसे कि –

  • फाइबर युक्त सब्जियों का सेवन और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए |
  • केला और पपीता को छोड़कर आपको सभी कच्ची सब्जियों को और फलों को खाना छोड़ना चाहिए |
  • तले हुए चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए इससे टाइफाइड में संक्रमण अधिक हो सकता है |
  • शरीर को उत्तेजना देने वाले पदार्थों जैसे की चटनी मसाले अचार मूली प्याज और लहसुन ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए |

अगर हम ऊपर दिए गए चीजों का सेवन नहीं करते हैं तो हमें टाइफाइड में जल्दी ठीक होने में फायदा मिलता है |

टाइफाइड के समय क्या सावधानी बरतें ?

टाइफाइड के बुखार के समय हमें एक बार खाना खाते समय कम खाना खाना चाहिए क्योंकि जितना कम खाना आप खाओगे उतना को हल्का महसूस होगा और आपका शरीर जल्दी ठीक होगा |

  1. टाइफाइड बुखार होने के बाद हमें साफ सफाई और टाइफाइड के रोगी से दूर रहना चाहिए |
  2. हो सके तो काम से छुट्टी मिल रही है, तो आपको टाइफाइड बुखार में काम पर नहीं जाना है, जिससे कि टाइफाइड फैलने से बच सकता है |
  3. टाइफाइड बुखार का परीक्षण कर लेना चाहिए और अपने शरीर की जरूरी देखभाल आपको लेनी चाहिए |

टाइफाइड की बुखार की दवा क्या है ?

टाइफाइड की बुखार की दवा
टाइफाइड की बुखार की दवा

यदि आप घर पर टाइफाइड का इलाज करना चाहते ,हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि आपको पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए | टाइफाइड बुखार की दवा वह आपको अच्छी तरीके से देंगे अगर आप घर पर ही ऐसी दवाइयों का सेवन करते हैं तो इससे आपको परेशानियां हो सकती है, इसलिए टाइफाइड के बुखार की दवा आपको डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए |

टाइफाइड क्यूँ होता है ? Symptoms of Typhoid in hindi :

typhoid fever ayurvedic ilaj in hindi
typhoid fever ayurvedic ilaj in hindi

कुछ प्रमुख लक्षण में / Main Causes of Typhoid in hindi

टाइफाइड सॅल्मोनेला नाम के बॅक्टीरिया के वजह से होता है| लड़के लड़की या बच्चो के लिवर मे बॅक्टीरिया बढ़ जाने से टाइफाइड फीवर से तेज बुखार आता है| और इस बॅक्टीरिया के बढ़ने के कारण से आपके शरीर मे दर्द का अनुभव आपको महसूस होता है|

टाइफाइड बीमारी होने के लक्षण :

  • शरीर के कई भागो मे एक ही समय दर्द महसूस करना|
  • शरीर मे कमज़ोरी आने लगती है|
  • आपको तेज सर दर्द भी होने लगता है|
  • गले में खराश महसूस होना|
  • तेज बुखार होना|
  • ठंड लगना और पसीना आना|
  • पेट में दर्द, उल्टी और दस्त होना|
  • भूख कम लगना|

मियादी बुखार टाइफाइड होने के कारण Causes of typhoid fever in hindi

  • बहार का गंदा पानी पीने से:
    अगर आप कही बाहर जा रहे हो तो बहार का पानी अगर गंदा हुआ जैसे की पानी कई दीनो से एक ही जगह जमाकर रखने से उसमे बॅक्टरिया पैदा हो जाते है और इस के कारण आपके शरीर मे बॅक्टीरिया के जन्तु जाने से आपको टाइफाइड होने के लक्षण दिखाई दे सकते है|
  • जूठा खाना खाने से :
    अगर अपने किसी टाइफाइड हुए मरीज का जूठा खाना खा लिया ग़लती से तो आपको टाइफाइड का बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है|
  • बॅक्टीरिया वाले पानी से नहाने से :
    अगर आप के घर पर पानी २-३ दीनो बाद आता है तो घर का पूरा पानी फेक कर या पौधो को डालकर नया पानी भरले क्यूँ की ज़्यादा देर तक पानी को भरके रखने से पानी मे कीटाणु पैदा होते है और इस के कारण आपको बुखार सिर दर्द जैसे कई बीमारियो का सामना करना पद सकता है और इसी कारण आपको टाइफाइड की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाएगी|

टाइफाइड को दूर भागने के लिए कुछ घरेलु उपाए ( remedies for typhoid treatment ):

  • लहसुन खाना चाहिए :

    typhoid fever diet plan
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लहसुन में कई तरह के आयुर्वेदिक औषधिय गुण मिलता है यह आपके लीवर को स्वच्छ साफ रखता है| सफेद रक्त कनिका को अच्छी तरह प्रोत्साहित करता है, जो हमारे शरीर के कई मुक्त रखने का कार्य करता है |रोजाना 5 से 6 दाना तले हुए लहसुन को खाने से आपकी तबीयत अच्छी रहती है|

केले और शहद (बनाना+हनी):

typhoid fever ka desi ilaj diet
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एक पक्के हुए केले को अच्छी तरह पीस ले और 1 चम्मच शहद के साथ मिला कर दिन में 2 बार खाए|
शरीर की पचन क्रिया को ठीक करने के लिए एक ग्लास गुनगुने पानी में शहद मिला कर पिये|

गाजर (कॅरोट) :

typhoid fever diet in hindi
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रोजाना ७ से ८ गाजर का रस निकल कर सेवन करने से आपको आराम मिलता है|

तुलसी का काढ़ा:

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सूरजमुखी और तुलसी के पत्तो का रस पीने से टाइफाइड के बुखार में आराम मिलता है|
तुलसी और अदरक की चाय का ईस्तमाल भी टाइफाइड की कमज़ोरियो को कम करने में असरदार है|

जानिए कैसे बनाए तुलसी का काढ़ा ज्यूस

तुलसी के पत्ते, थोड़ा अदरक, काली मिर्ची और दालचीनी को पानी में अच्छी तरह से उबाले और मिशरी डाल कर पीने से आपके शरीर की थकावट कम होती है| ये आयुर्वेदिक नुस्ख़ा है टाइफाइड के लिए रामबाण इलाज है|

Diet plan for typhoid patient in hindi:

diet chart for typhoid fever in hindi
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टाइफाइड के मरीज़ो ने क्या खाना खाना चाहिए :

  • पपीता खाए|
  • चिकू खाए|
  • सेब खाए
  • दूध पिए|
  • फ्रूट्स खाए
  • मूँग डाल की खिचड़ी खा सकते हो|

टाइफाइड के मरीज़ो ने क्या नही खाना चाहिए :

  • चाय पीने से बचे
  • कॉफी का सेवन ना करे|
  • कोल्ड ड्रिंक्स ना पिए|
  • मसालेदार फुड नही खाना चाहिए|
  • स्मोकिंग और ड्रिंक नही करनी है|
  • बाहर का जंक फूड जैसे की पिज़्ज़ा बर्गर नही खाना है|
दिमागी बुखार का इलाज हिंदी में जानकारी

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