त्रिफला चूर्ण के फायदे कई सारे है | त्रिफला रस के फायदे तबियत के लिए कई है | त्रिफला का इस्तमाल मोटापा कम करने का घरेलू उपाय के लिए किया जाता है | त्रिफला चूर्ण को मराठी में त्रिफळा नाम से जाना जाता है |

त्रिफला पाउडर बनाने के लिए तीन फलो का इस्तमाल किया जाता है | त्रिफला चूर्ण ऐसे नैसर्गिक नहीं होता | ये एक रासायनिक मिश्रण से ही बनता है | त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए आंवला ,हरड और बहेड़ा के इस्तमाल से बनता है |
त्रिफला को अन्य नाम: फलत्रिक, वरा (संस्कृत में) इत्रिफल (यूनानी नाम) से भी जाना जाता है | आंवला ,हरड और बहेड़ा को संयुक्त रूप में ही त्रिफला कहा जाता है | त्रिफला को आयुर्वेद में अमृत समान दर्जा दिया गया है | इसीलिए त्रिफला को आयुर्वेदिक जादुई अमृत ऐसा नाम दिया गया है | क्यूंकी त्रिफला में कई सारे रोगों को नष्ट करने की ताकत छुपी हुई है |
त्रिफला चूर्ण के फायदे :

इसको लेने से कई सारी बीमारियों का इलाज होता है जैसे की
- बाल काले रखने वाला |
- विषम ज्वर नाशक |
- रूचिवर्धक |
- आँखों के लिए रामबाण इलाज |
- कब्जनाशक |
- कफनाशक |
- प्रमेह और कुष्ट रोग नाशक
- नैत्र्यज्योतीवर्धक |
- अग्नि प्रदीप्त करने वाला |
- मोटापा कम करने का घरेलु उपाय/इलाज |
- सांस सम्बंधी समस्या |
- डायबिटीज में उपयोगी |
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए |
- पेट के रोगों में लाभदायक |
- सिरदर्द में लाभदायक |
- आंखों की रोशनी बढ़ाए |
- मुंह की दुर्गन्ध दूर करे |
- हीमोग्लोबिन बढ़ाए |
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि :
- आंवला, हरड और बहेड़ा एक समान मात्रा में लेकर तिनोका बीज छोड़के बाकी गूदे को सूखा कर पीस लिया जाता है |
- पिसने के बाद सबको एक समान मात्रा में लेकर इसका एक चूर्ण या पाउडर टायर किया जाता है | इसी पाउडर या चूर्ण को त्रिफला कहते है |
त्रिफला चूर्ण सेवन करने का विधि :

सुबह हाथ मुंह धोने व कुल्ला आदि करने के बाद खाली पेट आपको त्रिफला पाउडर का ताजे पानी के साथ सेवन करना है या खाना खाने के बाद मगर एक बात याद रहो की एक घंटे तक पानी के अलावा कुछ नहीं लेना है |
त्रिफला का सेवन कब करना चाहिए ?

अगर आप सुबह के वक्त त्रिफला का सेवन करते हो, तो यह आपको बहुत ही लाभदायक होता है, क्योंकि सुबह के समय इसका सेवन करने से आपके शरीर में कैल्शियम विटामिन लोह की मात्रा संतुलित रहती है |
अगर आप रात के समय त्रिफला का सेवन करते हो तो यह रोचक की तरह काम करता है, यानी कि यह आपके शरीर में होने वाले रोगों को दूर करता है | रात के समय से गर्म दूध के साथ लेना सबको फायदेमंद होता है |
त्रिफला से बनी हुई आयुर्वेदिक दवाएं:
- Triphala Guggul त्रिफला गुग्गुल
- Triphala Mandur त्रिफला मंडूर
- Maha Triphala Ghrita महात्रिफला घृत
- त्रिफला चूर्ण पतंजलि
त्रिफला चूर्ण की पेटेंट दवाइयो का नाम:
- Zandu Nityam Churna (झंडु नित्यम चूर्ण)
- Himalaya Evecare (हिमालया ईवकेयर)
त्रिफला के लाभ:

आँखों की लाली का इलाज :
एक लीटर पानी में 50 ग्राम त्रिफला पाउडर को डालकर इसको उबाल ले | आपनी चौथाई हो जाने तक उसे छान ले | छाने हुए पानी को ठंडा होने के बाद इस पानी से आँखों को धोने से आँखों की लाली निकल जाती है |
दुखती आँखो का घरेलु उपाय :
आँखों में दर्द हो रहा होगा तो आपको बस त्रिफला के पानी की कुछ बूंदों से आँखों को धोना है दिन में २-३ बार ,ऐसा करने से आपकी आँखों का दर्द कम हो जायेगा |
घाव भरने के लिए :
अगर आपको कही पर चोट लग गयी है और उस चोट का घाव जल्दी नहीं भरा रहा हो तो आपको त्रिफला के उसी पानी से घाव को साफ़ करना है | ऐसा करने से आपका घाव जल्द ही भरेगा |
जोड़ो का दर्द का आयुर्वेदिक इलाज :
2 कप पानी में १० ग्राम त्रिफला चूर्ण लेकर इसको उबाल ले | आधा कप पानी रह जाने पर ठंडा होने दे और इस त्रिफला रस में एक चम्मच शहद मिलाकर आधा कप सुबह और आधा कप रात को सोने से पहले लेने से आपके जोड़ो का दर्द को आराम मिलकर जोड़ो का दर्द का आयुर्वेदिक इलाज हो जायेगा |
मोटापा कम करने का घरेलू उपाय:
अगर आपको मोटापे की समस्या से परेशान हो तो एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद मिलकर अच्छी तरह से घोलकर इसमें एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेकर इसको सुबह पिने से आपकी मोटापा कम करने का इलाज हो जायेगा और आपकी बॉडी फिट रहेगी |
प्रमेह का रोग का इलाज :
3 ग्राम हल्दी ,६ ग्राम मिश्री की फंकी और ३ ग्राम त्रिफला पाउडर लेकर इसको एक ग्लास पानी में मिक्स करके दो महीने तक रोजाना सेवन करने से प्रमेह रोग नष्ट होता है |
खांसी का इलाज :
१ चम्मच त्रिफला का चूर्ण आधा चम्मच गाय का घी और 2 ग्राम चम्मच शहद मिलाकर सुबह चाटने से खांसी का इलाज होने में मदत होती है |
पेशाब का इन्फेक्शन :
अगर आपको पेशाब करते हुए जलन हो रही है या फिर उस जगह पर इंफेक्शन हो गया है, तो आप शहद के साथ थोड़ा सा गर्म पानी मिलाकर इस में त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हो यह आपको लाभ होगा और इससे आपका पेशाब में जलन की समस्या दूर हो जाएगी |
पाचन तंत्र ने बिगाड़ी आने पर त्रिफला का इस्तेमाल :
कई बार हमें खाना खाने के बाद हजम नहीं होता है क्योंकि हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है लेकिन यदि आप त्रिफला का सेवन करते हो तो इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत हो जाता है | रोजाना खाना खाने के बाद रात के समय अगर आप त्रिफला चूर्ण का दूध के साथ सेवन करते हो, तो इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत रहता है |
मधुमेह के रोगी के लिए फायदेमंद :
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है उनलोगों त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए, यह आपकी डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है | त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से आपके शरीर में रोगों में जटिलताएं कम होने लगती है |
कब्ज को दूर करने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल :
यह हमारे पाचन तंत्र आसान बनाए रखता है,जिससे हम आसानी से अपना मल विसर्जित कर सकते हैं | अगर हमारे पाचन तंत्र बिगड़ने लगता है तब हमें कब्ज और गैस की समस्याएं होने लगती है | यदि आप को कब्ज की समस्या हो गए हैं तो आपको त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिए |
गुनगुने दूध के साथ थोड़ा सा त्रिफला चूर्ण लेने से आपकी कब्ज की समस्या से आपको राहत मिलती है |
त्रिफला का तेल करें अपने बालों को लंबा :
बाल झड़ने की समस्या और बाल बढ़ाने की समस्या से अगर आप जूझ रहे हो, तो आपको त्रिफला चूर्ण बहुत ही लाभदायक है | बालों को अच्छे से बढ़ाने के लिए आप त्रिफला का कैप्सूल का भी इस्तेमाल कर सकते हो |
त्रिफला के तेल से अगर आप हफ्ते में दो बार अपने बालों को अच्छे से मालिश और मसाज करते हो, तो आपके बाल लंबे होने लगते हैं क्योंकि त्रिफला के तेल में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है, यह आपके बालों के लिए भी लाभदाई है |
त्रिफला का सेवन करने से क्या नुकसान होता है ?

जिसमें कार त्रिफला के फायदे है उस प्रकार त्रिफला के नुकसान भी है यदि आप इन्हें नजरअंदाज करते हो तो इससे आपको बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ने वाला है |
- जो महिला प्रेग्नेंट है और बच्चे को स्तनपान कर रही है उस महिला ने त्रिफला का सेवन नहीं करना है |
- अधिक मात्रा में त्रिफला का सेवन करने से आपको नींद ज्यादा आती है, इसीलिए रात को नींद ज्यादा नहीं चाहिए, तो आप इसको सेवन कम ही करें |
- अधिक मात्रा में त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से आपको दस्त की समस्या हो सकती है, इसीलिए किसी भी चीज को अगर हम उचित मात्रा में करते हैं तो उसके फायदे हमें मिलते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में करने जाते हैं तो उसका नुकसान हमें होता है |
- 6 साल के नीचे वाले बच्चों को त्रिफला का सेवन करने ना दे इससे उनको नुकसान हो सकता है |
- अगर आपकी कुछ मेडिसिन चल रही है, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए कि त्रिफला का सेवन करें या नहीं, क्योंकि उसका गलत रिएक्शन हो सकता है |
त्रिफला लेने के लिए एक विशेषज्ञ से परामर्श लेने की बहुत ही जरूरत होती है | हो सके तो आप किसी जड़ी बूटी तदन्य से मिलकर ही त्रिफला का सेवन करें |