Swine flu (स्वाइन फ्लू) क्या है स्वाइन फ्लू का इलाज कैसे करे और स्वाइन फ्लू के लक्षण और इससे बचने के उपाय के बारेमे जानकारी हिंदी में –
स्वाइन फ्लू का घरेलु इलाज
स्वाइन फ्लू क्या है ?
दोस्तों स्वाइन फ्लु ने विकराल रूप धरण कर लिया है| यह दूसरी बार हुआ है की जब स्वाइन फ्लू को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है|
चार दशक पहले, संभवतः सन १९८६ में होंगकोंग में इस वायरस के संक्रमण से करीब १० लाख लोगो की मौत हुई थी|
अब इसके भयानक रूप को देखते हुआ इसे विश्वव्यापी महामारी घोषित किया है|
स्वाइन फ्लू कैसे होता है ?
स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरस मुख्य रूप से सूअर को संक्रमित करता है| उसे वाहक बनाकर आज यह पूरी दुनिया में फ़ैल चूका है|
यह एक सूअर से दुसरे सूअर में फैलता है| और सूअर से आदमी में फैलता है|
एक देश के मनुष्य से जब दुसरे देश का मनुष्य संपर्क में आता है, तो इसका प्रसार दुसरे देश में भी हो जाता है|
इस प्रकार मनुष्य के लगातार संपर्क से यह महामारी का रूप धारण कर लेता है|
स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव :
हालाँकि यह कई प्रकार का होता है,परुंत विशेषज्ञों का मानना है की एच १ एन १ वायरस सूअर और आदमी में सामान्य रूप से पाया जाता है| इस रोग के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही होते है-
- तेज बुखार आना|
- गले में खराश होना|
- सीर दर्द के साथ गले में दर्द|
- ज्यादा थकावट महसूस होना|
- मलेरिया से ग्रस्त होना|
- उलटी और डायरिया की शिकायत होना|
- श्वास फुलना, सांस लेने में तकलीफ|
- भूक न लगना, बैचेनी महसूस होना|
- आलस छाया रहना, शरीर में पानी की कमी|
इसके आसान शिकार:
- निम्न लोग इसकी पकड़ में जल्दी आ सकते है-
- श्वास और नजला से पीड़ित रोगी|
- गर्भवती महिलाए|
- मोटापे से ग्रस्त स्त्री-पुरुष, बच्चे|
- मधुमेह के रोगी|
- उच्च रक्तदाब वाले मरीज |
- जहा पर मलेरिया का प्रकोप है|
- मौसम के बदलने से प्रभावित होने वाले लोग|
बचाव ही इलाज:
विशेषज्ञों का मानना है की स्वाइन फ्लू वायरस का असर सप्ताह भर तक रहता है, कुछ रोगियों में तिन-चार दिन रहता है|
दवाईयों की अपेक्षा सावधानी और बचाव ही अच्छा इलाज है| फिर भी कुछ घरेलु नुस्खे अपनाइए-
- पीड़ित व्यक्ति को गरम पानी में नमक या फिटकरी डालकर गरारे कराये|
- रोगी को निम की ताज़ी पत्तिया (८-१०), काली मिर्च, लौंग, अदरक या सोंठ तथा गुड का काढा बनाकर सुबह शाम पिलाए|
- गिलोय का एक फुट टुकड़ा कुचलकर पानी में भिगो दे| सुबह इसमे तुलसी दल, इलायची, लौंग, तथा काली ,मिर्च डालकर काढ़ा बनाये,
- सुबह शाम पाच दिन पिलाए| यह प्रतिरोधक क्षमता बढाता है|
- दवा के रूप में संजीवनी वटी, सुदर्शन घन वटी, मृत्युंजय रस तथा शितोत्पलादि चूर्ण का सुबह-शाम सेवन करे|
- ठंडी चीजे, फ्रीज का पानी, आइसक्रीम, चावल, दही आदि का सेवन करे|