सौंफ के औषधीय गुण

आज हम सौंफ के औषधीय गुण के बारेमे जानकारी देने वाले है दोस्तों | सौंफ की तासीर ठंडी होती है| यह हाजमा ठीक करती है| यह वायु निकालने वाली, कमजोरी दूर करने वाली तथा नेत्र ज्योति बढ़ाने वाली दीपन, पाचन, कफ निकालने वाली तथा रुचिवर्धक होती है|
सौंफ के औषधीय गुण प्रयोग:
नाभि खिसकना:
दो चम्मच पीसी सौफ को दूध में मिलाकर 1 सप्ताह तक प्रतिदिन देने से नाभि का अपनी जगह से खिसकना बंद हो जाता है|
हाथ-पांव की जलन:
सौफ का चूर्ण व खाड़ी मिलाकर भोजन के आधा घंटा बाद दो चम्मच सेवन करने से हाथ-पांव की जलन तथा शरीर का भारीपन दूर होता है|
मुंह की दुर्गंध:
भोजन के बाद प्रतिदिन सौफ खाने से मुह की दुर्गन्ध दूर होती है तथा पाचन क्रिया ठीक होती है|
मुंह के छाले:
एक गिलास पानी में 40 ग्राम सौफ उबाले| पानी आधा रह जाए तब भुनी फिटकरी जरा सी मिलाकर दिन में दो-तीन बार गरारे करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं|
बदहजमी:
एक चम्मच सौफ को पानी में उबालकर पानी को छानकर पिलाने से बदहजमी की शिकायत दूर होती है|
गर्भपात:
गर्भवती स्त्री यदि ६० ग्राम पीसी सौफ व ३० ग्राम गुलकंद पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें तो गर्भपात नहीं होता|
मेदे की तकाद:
सुबह एक चम्मच सौंफ का चूर्ण सेवन करने से आमाशय की शक्ति प्राप्त होती है|
पागलपन:
250 मिली गाय के गर्म दूध में 75 ग्राम सौंफ का तेल मिलाकर पीने से गर्मी से होने वाला पागलपन दूर हो जाता है|
सीने का दर्द:
15 ग्राम सौफ, 5 ग्राम पीपल को एक गिलास पानी में, चौथाई पानी होने तक उबाले| छानकर पानी में एक चुटकी सेंधा नमक डालकर पीने से सीने का दर्द दूर हो जाता है|
अतिसार:
भुनी व कच्ची सौफ का समभाग चूर्ण दो चम्मच दिन में चार बार मट्ठे के साथ लेने से लाभ होता है|
चर्म रोग:
सौफ और धनिया समभाग पीसकर, डेढ़ गुना मिश्री मिला ले| 30 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम सेवन करने से चर्म रोग नष्ट होता है|
जी घबराना:
जी घबराना या उल्टी होने पर सौफ और पुदीना पानी में उबालें| पानी आधा रह जाने पर दिन में तीन बार इसी प्रकार पानी तैयार करके पिलाए|
पेट का भारीपन:
नींबू के रस में भुनी सौफ भोजन के बाद खाने से पेट का भारीपन दूर होता है| सौंफ को भूनकर चबाने से पेट दर्द कम हो जाता है|
नेत्र-ज्योति:
सौफ को पीसकर समभाग खोड मिलाकर सोते समय गाय के दूध के साथ लेने से आंखों की रोशनी तेज होती है|
नाक से खून आना:
75 ग्राम सौंफ में 10 ग्राम धनिया 5 काली मिर्च पीसकर एक गिलास पानी में मिश्री का शरबत बनाकर मिला दे |दिन में 3 बार इस शर्बत का सेवन करने से नाक से खून गिरना बंद हो जाता है|