पीपली (पिप्पली) के फायदे

इसे आम बोलचाल की भाषा में ‘ पिप्पली‘ या पीपल भी कहा जाता है | पीपली का उपयोग औषधि में स्वतत्रं व मिश्रित दोनों ही रूपों में किया जाता है | यह पीपल के वृक्ष से भिन्न है | इसका पौधा छोटा होता है , जिस पर 1 इंच लंबे तथा गोल फल लगते हैं |
इसके पत्ते दो से 3 इंच लंबे पान के आकार होते हैं ,और छोटे और बड़े दोनों प्रकार के होते हैं , जिन्हें छोटी पीपल तथा बड़ी पीपल के नाम से जाना जाता है | इन फूलों का स्वाद चरपर व तेज होता है | छोटी पीपल के लिए लाभकारी होती है | यह रक्त शोधक तथा मूत्रल होती है और वायु व कफ विकारों का नाश करती है |
पीपली का उपयोग ज्यादा समय तक नहीं करना चाहिए , क्योंकि यह पचने में भारी होता है | लगातार अधिक मात्रा में पीपली का सेवन दोषों का संचय करती है | पीपल उदर कृमियों के लिए प्रभावकारी औषधि है |औषधि में एक वर्ष पुरानी पीपल ज्यादा लाभदायक होती है |
पीपली का घरेलू उपाय :
पेचिस :
छोटी पीपली को पीसकर चूर्ण बना लें | 1 ग्राम चूर्ण एक कप गर्म दूध में सुबह शाम खाने से पेचिस रोग में लाभ होता है|
दमा-खांसी:
20 ग्राम पीपली का चूर्ण 100 ग्राम शहद में मिलाएं| एक चम्मच मात्रा में दिन में तीन बार चाटने से दमा खांसी तथा अपने लाभ होता है|
सिर दर्द :
पीपल , सोंठ , कालीमिर्च ,मुलहटी 1-1 ग्राम पीसकर गाय के मक्खन में पकाकर सूंघने से सिरदर्द दूर होता है |
लीवर :
पीपल, दंतमूली, सौंठ 10-10 ग्राम , 20 ग्राम हरड़, 5 ग्राम वायडिंग का चूर्ण बनाकर 2 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम लेने से जिगर की खराबी दूर होती है|
दंतरोग :
पीपल व सेंधा नमक को 10 -10 ग्राम बारीक पीसकर शहद मिलाकर दांतों पर मलने से दांत दर्द , दांत का हिलना व कीड़ा आदि रोग दूर होते हैं|
ह्रदय की दुर्बलता :
1 ग्राम पीपल का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से ह्रदय की दुर्बलता दूर होती है|
गर्भाधारना :
पीपली , सौंठ , कालीमिर्च ,नागकेसर 10 -10 ग्राम लेकर बारीक पीस ले| इस चूर्ण का सुबह शाम देशी घी के साथ 6 माह तक सेवन करने से बांझ स्त्री को भी गर्भ ठहर जाता है|
मोटापा :
पीपली , सोंठ , कालीमिर्च , 200 ग्राम सूखा धनिया , काला जीरा 10 ग्राम ,काला नमक , सेंधा नमक ,लाहौरी नमक 5-5 ग्राम व लाल मिर्च 1 ग्राम का बारीक चूर्ण बनाकर भोजन के बाद रोज 2 ग्राम चूर्ण खाने से मोटापा और शरीर की बादी दूर होती है|
गैस –अफरा :
सौंठ –पीपल , सौंफ व काला नमक समभाग मिलाकर पीस ले | १ चम्मच चूर्ण भोजन के बाद सुबह-शाम सेवन करने से पेट की गैस व अफरा दूर होता है|