पीपल का पेड़ के गुण

पीपल का पेड़ को इंग्लिश में Sacred fig कहते है और मराठी में पिंपळ च झाड कहते है |
पीपल के वृक्ष की छाया शीतल होती है | पीपल का पेड़ छाया देने वाले वृक्षों में इसे सर्वश्रेष्ट वृक्ष माना जाता है | पीपल का वृक्ष के सभी अवयव उपयोगी होते है | आयुर्वेदिक में इसके पांचो अंगो को गुणकारी बताया गया है | बरगत और गूलर के वृक्ष की भांति इसके पीपल का पुष्प भी गुप्त रहते है | पीपल का वृक्ष दीर्घायु होते है पीपल का वृक्ष वायुमंडल को शुध्द करता है |
पीपल का पेड़ शीतल , भारी , कसैला , रुखा , वर्ण को उत्तम करने वाला , पित्त , कफ घाव तथा रक्त विकार को नष्ट करने वाला है |
पीपल का पेड़ के घरेलू उपाय :
उल्टी :
पीपल के पीले रंग के पत्तो को जलाकर उसकी राख बना ले | इस राख को गरम पानी में भिगो दे | एक घंटे बाद निथारकर पानी से उल्टिया से मुक्ति प्राप्ति होती है |
दमा :
पीपल के पके फलों को छाया में सुखाकर पीस ले | सुबह-शाम 3 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से दमा का रोग से छुटकारा मिल जाता है |
सूजन :
पीपल के पत्तों पर तेल चुपड़कर गरम क्र बांधने से सूजन दूर हो जाती है |
सुजाक :
पीपल के पत्तो को उबालकर छान ले | इस पानी में बकरी का दूध मिलाकर सेवन करने से छुटकारा मिलता है |
पेट की जलन :
१ तोला पीपल के फल को घोटकर थोड़ी-सी कालीमिर्च मिलाकर पीने से पेट की जलन में आराम मिलता है |
पेटदर्द :
पीपल के दो पत्तों को बारीक पीसकर गुड के साथ खाने से पेट दर्द दूर हो जाता है |
नासूर :
पीपल की छाल को घीसकर के रस में घिसकर रुई को रस भिगोकर नासूर में रखने से नासूर कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है |
दमा :
पीपल के पके फलों को छाया में सुखाकर पीस ले | सुबह-शाम 3 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से सुजाक छुटकारा मिलता है|
नजला-जुकाम :
पीपल के पुराने फल को छाया में सुखाकर चूर्ण बना ले | 3 ग्राम शहद की मात्रा मिलाकर गाय के दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है |
सफेद दाग :
सफेद कपड़े को शहद भिगोकर , पीपल के दूध में तर कर जलाकर राख बना ले | राख को सिरके में मिला ले | सफेद दाग को गरम पानी से धोकर उक्त लेप को लगाने से कुछ ही दिनों में सफेद दाग ठीक हो जाता है |
कोढ़ :
पीपल के पत्तों को पानी में 3 बार उबालकर हररोज इस पानी से स्नान करने से लाभ होगा |