बवासीर की अचूक दवा

बवासीर की अचूक दवा

बवासीर
बवासीर

बवासीर को पाइल्स भी कहा जाता है। यह दो प्रकार की होती है। बाहर की पाइल्स और अंदर की बवासीर। आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर होता है। बाहरी बवासीर में गूदा वाली जगह में मस्सा होता है और इसमें दर्द नहीं होता लेकिन खुजली ज्यादा होती है। पाइल्स बेहद दुखदाई रोग है जिसकी वजह से रोगी बेहद परेशान रहता है।

इस रोग में गुदा के अंदरी दिवार में मौजूदा खून की नसें सूजने के कारण तनकर फुल जाती है। जिससे उन्हें कमजोरी आ जाती है। और मल त्यागने के वक्त जोर लगाने से या कड़े मल के रगड़ने से खून की नसों में दरार पड़ जाती है और उसमें से खून बहने लगता है।

लगातार अधिक देर तक बैठे रहने से इस बीमारी को जन्म मिलता है। अनियमित खान-पान और कब्ज की वजह से भी होता है। इस बीमारी को और पाइल्स या मूलव्याधि के नाम से भी जाना जाता है।

इस रोग में गुदा द्वार पर मस्से हो जाते हैं। मल त्याग के समय इन में बहुत पीड़ा होती है यह बहुत अधिक पीड़ादायक रोग है।

यह रोग कई लोगों में आनुवंशिक भी हो सकता है। यह रोग आधुनिक पीढ़ी की ऐसी बीमारी है जो गलत आदतों की वजह से होती है।

बवासीर के लक्षण:

  • मध्य के बाद पूर्ण रुप से संतुष्ट महसूस ना होना।
  • हरिद्वार के आस पास खुजली होना।
  • मल त्याग के समय दर्द होना।
  • मलत्याग के बाद रक्तस्त्राव होना।
  • उठते बैठते समय गुदा द्वार में दर्द होना।

बवासीर घरेलू उपचार:

बवासीर की अचूक दवा में आज हम जानेंगे बवासीर की दवाई क्या है और आप बवासीर के मस्से का इलाज कैसे कर सकते है जानेंगे|

  • ताजा मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर रोज खाने से फायदा मिलता है।
  • 1 ग्राम काले तिल और ताजा मक्खन दोनों को मिलाकर खाने से में राहत मिलती है।
  • पाइल्स होने पर बकरी का दूध सेवन करें।
  • लस्सी में जीरा और अजवायन डालकर प्रतिदिन पीने से पाइल्स जल्दी ठीक हो जाता है।
  • एलोवेरा के गूदे को मस्सों पर लगाने से आराम मिलता है।
  • सहजन के पत्ते और आक के पत्तों को पीसकर पाइल्स के मस्सों पर लगाने से ठीक होता है।
  • जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से फायदा होता है।
  • पाइल्स होने पर हर रोज दही खाना चाहिए।
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