नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है पीरियड्स में दर्द (मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स) की समस्या हम सभी जानते हैं, कि महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान कितनी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मासिक धर्म महिलाओं में नियमित अंतराल के बाद हर महीने होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में थोड़ी भी गड़बड़ी होने के कारण शरीर में अनचाहे बदलाव हो जाते हैं; जिससे पीरियड्स के दौरान अधिक मात्रा में दर्द देखने को मिलता है। वैसे तो, मासिक धर्म के दो से तीन दिन तक दर्द होता ही है। लेकिन, कई बार यह दर्द असहनीय हो जाता है और महिलाओं को काफी दिक्कत महसूस होती है।
कई बार महिलाओं को पीरियड के दौरान इतना दर्द होता है; कि वह रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पाती है। महावारी में हो रहे दर्द को कई सारी महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन, ऐसा करना गलत होता है। क्योंकि, यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसीलिए, बेहतर है कि पीरियड के दौरान मेंस्ट्रूअल क्रैंप्स अधिक मात्रा में महसूस हो; तो तुरंत डॉक्टर से मिले। वहीं दूसरी ओर, आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमा कर भी माहवारी के दौरान होने वाले दर्द को कम कर सकती हैं। तो दोस्तों, आज जानेंगे मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू नुस्खे।
पीरियड्स में हो रहे दर्द का कारण-
हम सभी जानते हैं, कि मासिक धर्म के दौरान दर्द होता हैं। लेकिन, क्या आप इसके पीछे की वजह जानती हैं? तो चलिए जानते हैं, मासिक धर्म में हो रहे दर्द के कारण के बारे में।
मासिक धर्म के दौरान हमारे शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं। मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द का कारण प्रोस्टाग्लैंडइन नामक रसायन होता है। जिन महिलाओं के शरीर में प्रोस्टाग्लैंडइन रसायन अधिक मात्रा में सीक्रेट होता है; उन्हें गर्भाशय में अधिक दबाव पड़ता है और अधिक मात्रा में दर्द महसूस होता है। प्रोस्टाग्लैंडइन नामक रसायन हमारे गर्भाशय के अंदर संकुचन पैदा करता है और इसी कारण गर्भाशय की मांसपेशियों में अधिक मात्रा में दबाव बढ़ता है।
यही बढ़ा हुआ दबाव पीरियड्स के दौरान हो रहे दर्द का कारण होता है। पेट में दर्द के साथ साथ, आपको उल्टी, सिरदर्द तथा डायरिया की समस्या भी दो से तीन दिन तक रह सकती हैं। वहीं दूसरी ओर, युटेरस से हो रही ब्लीडिंग की वजह से भी उसके रेखाओं में खींचाव आता है और महावारी के दौरान हमें दर्द होना शुरू हो जाता है।
इसी के साथ, मासिक धर्म के दौरान दर्द होने के दूसरे कई अन्य कारण भी देखे जा सकते हैं। जैसे; मोटापा, कम उम्र में पीरियड्स का शुरू होना, शराब तथा धूम्रपान का सेवन करना, एंडोमेट्रियोसिस, सिस्ट या जननांगों में किसी तरह का संक्रमण होने से भी पीरियड के दौरान दर्द बढ़ सकता है।
पीरियड्स में दर्द के लक्षण-
पेट दर्द के साथ साथ, मेंस्ट्रूअल क्रैंप्स के कई अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं।
१) उल्टी होना, जी मिचलाना, डायरिया।
२) पेट दर्द तथा मांसपेशियों की ऐंठन होना।
३) पैरों में दर्द तथा बदन दर्द होना।
४) चिड़चिड़ापन और बार-बार मूड स्विंग होना।
५) कमजोरी तथा बेहोशी महसूस होना।
६) सिरदर्द होना तथा नींद न आना।
पीरियड के दर्द के लिए घरेलू उपाय
पीरियड्स में हो रहे दर्द के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं; जो सुरक्षित होते हैं और असरदार भी होते हैं।
१) पानी-
मासिक धर्म के दौरान कई बार हमें हेवी ब्लड फ्लो देखने को मिलता है। बिल्डिंग की वजह से हमें कमजोरी और दर्द भी अधिक महसूस होने लगता है। ऐसे में, अपने शरीर को मासिक धर्म के दौरान हाइड्रेटेड रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है। जितना ज्यादा हो सके, उतना ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी के साथ-साथ, आप फलों का जूस, सूप,नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं। मासिक धर्म के दौरान शरीर में पानी की उचित मात्रा बनी रहे; तो इससे दर्द तथा कमजोरी से राहत मिल पाती हैं।
२) संतुलित आहार-
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अक्सर खाना ठीक से नहीं खाती हैं। ऐसे में, उनको उचित रूप से पोषण ना मिलने के कारण अधिक कमजोरी महसूस होती हैं और दर्द भी बढ़ जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप अपना आहार संतुलित रखें। आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें। क्योंकि, हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों में आयरन, विटामिन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, इनका सेवन करने से शरीर को उचित मात्रा में आयरन की आपूर्ति होती है और कमजोरी, थकान, दर्द नहीं होता है।
३) दालचीनी-
मासिक धर्म में हो रही समस्याओं के लिए दालचीनी काफी गुणकारी साबित होता है। दालचीनी का पाउडर एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से इसके फायदे दोगुने हो जाते हैं। दालचीनी का इस तरह से सेवन करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द तथा ऐंठन से राहत मिलती हैं।
४) डार्क चॉकलेट-
मासिक धर्म के दौरान दर्द के साथ साथ, हमें मूड स्विंग्स भी देखने को मिलते हैं। इन दोनों ही समस्याओं के लिए डार्क चॉकलेट काफी असरदार साबित होता है। डार्क चॉकलेट का सेवन करने से मासिक धर्म के दौरान मूड को रिफ्रेश किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है; जो हमारे बॉडी की मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है। ऐसे में, मासिक धर्म के दौरान डार्क चॉकलेट का सेवन करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द से भी राहत मिलती हैं।
५) तुलसी-
एक कप पानी में १० से १२ तुलसी के पत्ते डालकर पानी को अच्छे से उबाले। थोड़ी देर बाद पानी को छान लें और उसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें। मासिक धर्म के दौरान तुलसी के इस पानी का सेवन आप दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, तुलसी में दर्द निवारक तत्व पाए जाते हैं; जो मासिक धर्म के दौरान हो रहे दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसी के साथ, तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं; जो हमारी इम्यूनिटी को भी स्ट्रांग करते हैं।
६) मेथी-
मेथी के दानों में एनाल्जेसिक यानि दर्द निवारक तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए, मेथी के दानों का प्रयोग आप मासिक धर्म के दौरान हो रहे दर्द के लिए कर सकते हैं। रात को दो चम्मच मेथी के दाने एक गिलास पानी में भिगोकर रखें। सुबह इस पानी का सेवन करें। पीरियड शुरू होने से पहले आप इस पानी का सेवन कर सकते है। मेथी के दानों का प्रयोग करने से मासिक धर्म में हो रहे दर्द के साथ-साथ, अन्य लक्षण जैसे; उल्टी, सिरदर्द, थकान, बेहोशी इन से भी राहत मिलती हैं।
७) हीटिंग पैड या हॉट वॉटर बैग-
गर्म पानी से भरा हुआ हॉट वॉटर पार्क या हीटिंग पैड ले। इसको पेट के निचले हिस्से पर या कमर पर ५ से १० मिनट के लिए रखें और उसकी मदद से सिकाई करें। इस प्रक्रिया को आप दिन में तीन से चार बार दोहरा सकते हैं। अगर आपके पास हीटिंग पैड या हॉट वॉटर बैग नहीं है; तो एक साफ कपड़ा लेकर उसको गर्म पानी में भिगोकर निचोड़े और बारी-बारी कमर और पेट पर उसी से सिकाई करें। अध्ययन के अनुसार, हीटिंग पैड या हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल लगभग दर्द निवारक दवाइयों की तरह ही साबित होता है। जैसे दर्द निवारक दवाइयां दर्द को कम करते हैं; वैसे ही हीटिंग पैड का किया गया इस्तेमाल दर्द में काफी हद तक प्रभावी साबित होता है।
दोस्तों, पीरियड के दौरान होने वाले दर्द को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके लिए ऊपर बताए गए नुस्खे आजमाएं। नुस्खों को आजमाने के बाद भी अगर कोई फर्क ना पड़ रहा हो; तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का पीरियड्स में दर्द (मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स) की समस्या यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।
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