नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है मासिक धर्म के दौरान क्या सावधानियां बरतें महावारी के दौरान हर महीने महिलाओं और लड़कियों को कई सारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। आज भी भारत देश के ग्रामीण इलाकों में माहवारी के दौरान कई सारी प्रथाओं का पालन करना पड़ता है। माहवारी के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करने से वजाइनल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। भारत देश के ग्रामीण इलाकों में आज भी सेनेटरी पैड इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं। इसी के साथ, समाज में प्रबोधन की कमी की वजह से महावारी के दौरान इस्तेमाल किया गया कपड़ा सूरज की रोशनी में सुखाने तक की आजादी नहीं होती हैं। इस कारण, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
मासिक धर्म के दौरान कुछ सावधानियां बरतने से इस इंफेक्शन से बचा जा सकता है। हमारे देश के शहरों में भी कई सारी महिलाएं पूरे दिन एक ही पेड़ यूज करती हैं; जो कि गलत है। इस कारण भी वजाइनल संक्रमण का खतरा बना रहता है। सेनेटरी पैड या टेंपोन इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती है; वरना गुप्तांग में खुजली, जलन, लाल चकत्ते, फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। तो दोस्तों, आज हम जानेंगे मासिक धर्म के दौरान क्या सावधानियां बरतें।
मासिक धर्म के दौरान कौनसी सावधानियां बरतनी चाहिए
दोस्तों, दो से तीन साल पहले हमारे भारत देश में एक पिक्चर रिलीज हुई थी, पैडमैन। भारत के ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ कैसा बर्ताव होता है और महिलाएं भी उस चीज को किस तरह से सेहती हैं, इसका पूरा वास्तव चित्र इस मूवी में दिखाया गया है। उसमें एक आदमी की इच्छाशक्ति की वजह से भारत के ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी पैड की खपत होती है और महिलाओं में जन जागृति होती हैं। इसी तरह, आज भी भारत के कई इलाकों में सेनेटरी पैड को लेकर और मासिक धर्म के दौरान बरती जानेवाली सावधानियों को जन जागृति की आवश्यकता है। तो दोस्तों, आज हम इस लेख द्वारा उसी तरह से जनजागृति करने वाले हैं।
१) समय समय पर बदले पैड-
कई महिलाएं आज भी मासिक धर्म के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन, जब भी आप कपड़े का इस्तेमाल करें; इस्तेमाल होने के बाद उसको अच्छे से धोए और कड़ी धूप में सुखाने के लिए रखें; ताकि, उसमें कोई भी बैक्टीरिया पनप ना सकें। जितना हो सके, उतना सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
जो महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं; उन्होंने दिन में कम से कम दो से तीन बार पैड बदलना जरूरी होता है। सेनेटरी पैड का ६ घंटे से ज्यादा इस्तेमाल ना करें। गीले पैड को अधिक समय तक इस्तेमाल करने से आपकी जांघों में तथा गुप्तांग में लाल चकत्ते, खुजली, जलन आदि स्किन संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
२) गुप्तांग की हाइजीन-
लंबे समय तक एक ही पैड का इस्तेमाल करने से और हमारे योनि के जीवाणुओं से पैड में नमी बनी रहती है। पैड की इस नमी की वजह से योनि में बैक्टीरिया की संख्या बढ़कर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए, हर ५-६ घंटे में पैड का बदलना जरूरी होता है। वैसे तो महिलाओं को हमेशा ही अपनी योनि को पानी से धोते रहना चाहिए और उसे साफ सुथरा रखना चाहिए।
लेकिन, माहवारी के दौरान योनि को साफ सुथरा रखना और ज्यादा आवश्यक हो जाता है। कई बार महिलाएं योनि को साफ करने के लिए साबुन का इस्तेमाल करती है। लेकिन, योनि की त्वचा काफी नाजुक होती है और साबुन इसके ऊपर कठोर साबित होता है। इसीलिए, अपनी योनि को साफ करने के लिए हमेशा ही गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
वहीं दूसरी ओर, साफ सफाई बरतने के बावजूद ब्लीडिंग की वजह से गुप्तांग में खुजली, जलन और चकत्ते पड़ जाते हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए आप एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं। पैड बदलते समय हर वक्त इस क्रीम का इस्तेमाल करने से रैशेज और खुजली की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसी के साथ, पैड बदलते समय जांघो के आसपास पाउडर लगाकर उसे सूखा एवं साफ रख सकती है; इससे खुजली, जलन, रैशेज से छुटकारा मिलता है।
३) शारीरिक संबंध-
शादी के बाद कई कपल मासिक धर्म के दौरान भी शारीरिक संबंध बनाते हैं। लेकिन, यह बात बिल्कुल गलत है। ऐसा करने से दोनों को भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। महावारी के दौरान महिलाएं पहले से ही काफी परेशानी से जूझ रहे होती है। महावारी के दूसरे, तीसरे दिन तक महिलाओं के ओवरी से अंडे खून से होकर बाहर निकलते हैं। ऐसे में मासिक धर्म के दौरान शारीरिक संबंध बनाना गलत है।
४) संतुलित आहार-
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तली, भुनी चीजें तथा तीखा, मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए। अगर आप चाहते हैं, कि आपके मासिक धर्म रेगुलर हो; तो आपको मासिक धर्म के दौरान सादा एवं सात्विक भोजन करना चाहिए। अपने आहार में फल, फलों के जूस, सब्जियां, दाल रोटी, दही छाछ इन पदार्थों का अवश्य समावेश करें। इन सभी पदार्थ में उचित रूप से पोषक तत्व मौजूद होते हैं; जो महावारी के दौरान आने वाली कमजोरी को दूर कर सकते हैं। इसी के साथ, इनमें मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी पीरियड्स को रेगुलर करने में भी मदद करते हैं।
संतुलित आहार के साथ-साथ, शरीर में पानी की कमी ना होने दें। मासिक धर्म के दौरान शरीर में पानी की कमी होने की वजह से ब्लड वॉल्यूम कम होने की संभावना रहती है; जो कमजोरी का कारण बनती है। इसीलिए, मासिक धर्म के दौरान नियमित रूप से पानी पीना आवश्यक होता है।
५) पर्याप्त आराम-
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पेट दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, डायरिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, मासिक धर्म के दौरान अधिक श्रम नहीं करना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान जितना हो सके उतना आराम जरूरी होता है; जिससे पीरियड में होने वाले दर्द को कम किया जा सके।
६) एक्सरसाइज-
मासिक धर्म के दौरान हल्की फुल्की एक्सरसाइज करने से हमारे मन को शांति मिलती है और मांसपेशियों की ऐंठन, पेट दर्द को भी कम किया जा सकता है। इसी के साथ, थोड़ा मॉर्निंग वॉक या इवनिंग वॉक करने से भी मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स में फर्क देखने को मिलता है। मेडिटेशन तथा प्राणायाम करने से हमारे मन को शांति मिलती है और हमारी बॉडी रिलैक्स फील करती है।
दोस्तों, हर लड़की के लिए मासिक धर्म के दिन बड़े ही कठिन दौर से गुजरते है। इसीलिए, बेहतर होगा कि महिलाएं अपना ख्याल खुद रखें और घर वाले सभी सदस्य भी उनको इसमें सहायता करें। आज का यह ब्लॉक काफी स्पेशल है और इसमें हमने आपको मासिक धर्म के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताया है।
दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का मासिक धर्म के दौरान क्या सावधानियां बरतें यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।
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