नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है नींद पक्षाघात के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव,दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं नींद पक्षाघात के बारे में। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको लगता है, कि आप नींद से जाग गए हैं। लेकिन, जागने के बाद आप अपना शरीर हीला नहीं पाते हैं और ना ही कुछ बोल पाते हैं। ऐसे परिस्थिति को स्लीप पैरालिसिस या नींद पक्षाघात कहते हैं। इस परिस्थिति में इंसान कुछ मिनट या कुछ सेकंड के लिए न हिल सकता है ना कुछ बोल पाता है। कुछ लोगों को इस परिस्थिति के दौरान अधिक दबाव महसूस होता है या दम घुटना जैसे परिस्थिति उत्पन्न हो जाती हैं।
स्लीप पैरालिसिस नींद संबंधित अन्य बीमारियां जैसे नारकोलेप्सी से जुड़ी हुई देखी जा सकती हैं। वैसे तो, स्लीप पैरालिसिस कोई गंभीर समस्या नहीं है। यह अपने आप कुछ ही सेकंड में ठीक हो जाती हैं। बहुत ही कम मामलों में स्लीप पैरालिसिस मानसिक समस्या से जुड़ी हुई दिखाई देती है। तो दोस्तों, आज जानेंगे स्लीप पैरालिसिस या नींद पक्षाघात के कारण, लक्षण, इलाज और उनसे बचाव के बारे में।
नींद पक्षाघात के कारण-
नींद पक्षाघात काफी काम है और लोगों को जिंदगी में कभी ना कभी एक बार तो जरूर होता ही है। वैसे तो, नींद पक्षाघात के कारण पूरी तरह से पता नहीं है। लेकिन, निम्नलिखित कुछ स्थितियां हैं जो इस परेशानी को बढ़ा देती हैं।
१) ज्यादा देर तक पीठ के बल सोने से नींद पक्षाघात का अनुभव हो सकता है।
२) सोने का और उठने का कोई रूटीन ना होने की वजह से भी नींद पक्षाघात हो सकता है।
३) नींद पूरी ना होने के कारण भी नींद पक्षाघात का अनुभव आ सकता है।
४) किसी प्रकार का मानसिक तनाव या तनावपूर्ण जीवन पद्धति नींद पक्षाघात का कारण बनती है।
५) शराब तथा धुम्रपान का अधिक मात्रा में सेवन करना नींद पक्षाघात का कारण बनता है।
६) कुछ मानसिक बीमारियां जैसे; पैनिक डिसऑर्डर, बाइपोलर डिसऑर्डर नींद पक्षाघात का कारण बन सकते हैं।
७) जरूरत से ज्यादा नींद आने की समस्या यानी नारकोलेप्सी इस समस्या को बढ़ावा दे सकती हैं।
नींद पक्षाघात के लक्षण-
नींद पक्षाघात के सबसे बड़े लक्षण है, व्यक्ति बोल ना पाना और शरीर को हिला ना पाना। इसी के साथ, कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं; जिन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
१) सांस लेने में तकलीफ होना।
२) नींद से जागने के बाद शरीर को हिलाने में असमर्थ होना।
३) स्लीप पैरालिसिस के दौरान वहां या भ्रम होना और अपने आसपास किसी बुरी उपस्थिति का अनुभव होना।
४) अलग-अलग तरह के सपने देखना।
५) सीने पर दबाव महसूस होना और दम घुटना।
६) उलझन महसूस आना, डर लगना।
नींद पक्षाघात के उपाय
जैसा कि हमने देखा, नींद पक्षाघात कुछ ही सेकंड में अपने आप ठीक हो सकता है। नींद पक्षाघात को किसी भी इलाज करवाने की जरूरत नहीं होती हैं। लेकिन, अगर आप नींद पक्षाघात की समस्या से ज्यादा परेशान है; तो निम्नलिखित उपाय आप जरूर अपना सकते हैं। इसी के साथ, कुछ अंदरूनी स्थितियां, जो नींद पक्षाघात का कारण बनती हैं; उनके ऊपर काम करने से भी नींद पक्षाघात से आपको छुटकारा मिल सकता है।
१) जीवनशैली बदले-
सबसे पहले तो डॉक्टर आपको आपकी जीवनशैली में बदलाव करने का सुझाव देंगे। जैसे; टाइम पर भोजन करना, सोने की और उठने की आदतों में बदलाव करना और सोने की और उठने का वक्त तय कर लेना। रोजाना रात को ७-८ घंटों की नींद लेना आवश्यक होता है। संतुलित आहार के साथ-साथ, पूरी नींद लेना भी जरूरी होता है।
२) एक्सरसाइज-
योग तथा प्राणायाम करने से आपके नींद संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। एक्सरसाइज को रोजाना अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाइए और तनाव मुक्त जीवन शैली को अपनाएं। इससे नींद पक्षाघात की समस्या में काफी लाभ मिलता है।
३) मेडिसिन-
अगर आप कोई एंटीडिप्रेसेंट पिल्स ले रहे हैं, तो उनको वक्त पर लेना चाहिए। अपनी दवाइयों को कभी मिस ना करें; इसकी वजह से भी आपको स्लीप पैरालिसिस की तकलीफ हो सकती हैं। इसलिए, डॉक्टर द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों के साथ-साथ, एंटीडिप्रेसेंट पील्स को भी वक्त पर लेना चाहिए।
४) थेरेपी-
अगर किसी मानसिक तनाव, एक्सीडेंट या सदमे के कारण आपको नींद पक्षाघात की समस्या हो रही हो; तो डॉक्टर से काउंसलिंग थेरेपी का विकल्प बहुत अच्छा साबित होता है। इस थैरेपी के दौरान बातचीत करके समस्या को हल करने की कोशिश की जाती है।
५) अन्य शारीरिक बीमारियां-
किसी अन्य शारीरिक या मानसिक बीमारी के कारण नींद पक्षाघात की समस्या हो रही हो; तो डॉक्टर उसके कारण के अनुसार नींद पक्षाघात का इलाज कर सकते हैं। कभी कभी डॉक्टर कुछ ऐसी दवाइयां देते हैं; जिनसे नींद के दौरान रैपिड आई मूवमेंट को कंट्रोल किया जा सकता है।
नींद पक्षाघात के बचाव
नींद पक्षाघात की समस्या कुछ गलत आदतों की वजह से हो सकती हैं। इन आदतों को अगर आप नियंत्रित कर ले और एक अपना सही रूटीन बना ले, तो नींद पक्षाघात की समस्या से बचा जा सकता है।
१) सबसे पहले सोने का उचित समय तय कर लें और उसी समय पर सोना जरूरी होता है। दिन में कम से कम सात से आठ घंटों की नींद जरूरी होती हैं। ताकि, आप पर्याप्त नींद ले सके और नींद पक्षाघात की समस्या से आप बच सकते हैं।
२) अपना आहार संतुलित बनाए रखें। डायट में बदलाव कर अच्छा हेल्थी डायट प्लान बनाएं।
३) धुम्रपान, शराब,तथा तंबाकू के पदार्थों का सेवन करने से बचे।
४) रोजाना योग, प्राणायाम तथा मेडिटेशन को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। इससे आपके मन को शांति मिलती है और आप गहरी नींद ले सकते हैं।
५) रात को सोने से पहले कैफ़ीन युक्त पदार्थों का सेवन करने से बचें।
दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का नींद पक्षाघात के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।
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