निशोथ का उपयोग

निशोथ को सोम्य जुलाब माना जाता है | यह रोगनाशक प्रथा को पितो का संशोधन करने वाली हे यह सफेद और काली होती है | सफेद निशोध वादनाशक होती है | इसकी जड लेकर अंदर का गुदा हटाकर सिर्फ ऊपरी छाल को सुखाकर उपयोग में लाते हैं |
निशोथ का उपयोग घरेलू उपाय :
ज्वर :
3 ग्राम निशोथ का चूर्ण और शहद मिलाकर या मनूका के पानी के साथ सुबह शाम लेने से उदर की शुध्दी होकर उदर विकार के कारण ज्वर उतर जाता है |
रक्तपित्त :
एक चम्मच इसका का चूर्ण , एक चम्मच शक्कर शहद मिलाकर चाटने से रक्त पित्त ठीक होता है|
जीर्ण ज्वर :
बहुत दिनों तक बुखार बना रहे तो इसे जीर्ण ज्वर कहते हैं , निशोथ का चूर्ण व सौंठ आधा-आधा चम्मच शहद के साथ सुबह शाम कुछ दिनों तक लेने से जीर्ण ज्वर उतर जाता है|
बवासीर :
दो चम्मच त्रिफला चूर्ण एक गिलास पानी में रात भर डालकर रखें सुबह पानी छानकर साथ आधा चम्मच निशोथ का चूर्ण लेने पर बवासीर में लाभ होता है|
कब्ज :
निशोथ चूर्ण और शक्कर आधा-आधा चम्मच रात को सोते समय कुनकुने पानी या दूध के साथ लेने से कब्ज दूर होता है|
पथरी :
100 -100 ग्राम निशोध ,और इंद्र जौ लेकर पीस लें| एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम पानी या दूध के साथ प्रतिदिन सेवन करने से पथरी कटकर निकल जाती है और दर्द दूर हो जाता है|
आमवात – अफरा :
निशोध , सौंठ , पीपल , काला नमक और छोटी हरड़ 100-100 ग्राम लेकर बारीक पीसकर शीशी में भर के रात को सोते समय एक चम्मच चूर्ण कुनकुने पानी के साथ लेने से आमवात और अफरा में शीघ्र लाभ होता है|
आम्ल पित्त :
200 ग्राम निशोध ,5-5 ग्राम काली मिर्च ,पीपल, हरड, बहेड़ा, आंवला ,तेजपात, नागरमोथा, वायविंडग, इलायची के दाने, 50 ग्राम लौंग, 300 ग्राम मिश्री को अलग अलग पीस कर एक साथ छान ले| भोजन एक घंटा पूर्व एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से आमवात तथा इससे होने वाले अन्य विकार दूर होते हैं|