मूंगफली के गुण

मूंगफली गरीबो का मेवा है | इसे चिनिया बादाम भी कहा जाता है मराठी में इसको शेंगदाना कहते है | यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है | यह जमीन के अंदर पौधे की जडो में लगती है |जमीन से निकालकर मूंग फली को सुखाकर छिलका हटाकर प्रयोग किया जाता है | मूंग फली में अनेक पौष्टिक गुण होते है|
ओषधीय गुणों से भरपूर मूंगफली में तेल काफी मात्रा में होता है | मूंगफली का तेल मल को साफ़ तथा त्वचा को मुलायम करता है | भुनी मूंगफली के सेवन से गर्भवती स्त्री को बहुत लाभ होता है | इसके सेवन से स्तनों में दुग्ध वृद्धी होती है |
ज्यादातर इसका उपयोग तेल निकालने में किया जाता है| मूंगफली का तेल पौष्टिक , कांतिवर्द्धक , वर्णरोपक होता है | चर्मरोग में भी जख्म पर इसका उपयोग लाभदायक है|
बच्चो को प्रतिदिन 25 ग्राम खिलाने से उनकी पोषणभाव नही होगा | अधिक खाने से अम्लता बढती है तथा वीर्यपात जल्दी होता है|
इसके अधिक सेवन करने से त्वचा सम्बंधी परेशानी उत्पन्न होती है | दमा के रोगी को इसका सेवन सिमित मात्रा में करना चाहिए |
मूंगफली के फायदे घरेलू उपाय :
मधुमेह :
प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में इसको खाने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है |
दस्त :
प्रतिदिन भोजन के बाद थोड़ी से मूंग फली बकरी के दूध के साथ खाने से दस्त में लाभ होता है |
दुबलापन :
सिमित मात्रा में फली का सेवन करने से दुबले और कमजोर व्यक्ति अपना वजन बढ़ा सकते है |
वजन में कमी :
चाय और कॉफ़ी की साथ भुनी फली खाने से भूक में कमी हो जाती है , जिससे कम भोजन करने से धीरे-धीरे वजन कम हो जाता है |
कोमल होंठ :
सर्दी के दिन में नहाने से पहले इसका तेल होंठो पर मलने से होंठ मुलायम बनते है |
त्वचा निखार :
1 चम्मच मूंगफली का तेल उसमे 1 चम्मच नीबू का रस मिलाकर त्वचा पर मलने से त्वचा निखारती है | इसका तेल त्वचा की खुबसूरत बनाती है|
दंतविकार :
नमक के साथ प्रतिदिन ताजा इसको चबाने से मसूड़े तथा दांतों की ऊपरी परत मजबूत होती है |
दुग्धवृद्धी :
प्रतिदिन थोडा इसको खाने से दूध पिलाने वाली माता के दूध की वृद्धी होती है |