मुलेठी के गुण हिंदी में फायदे

यह एक बहुत उपयोगी वनस्पति है , जिसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है | इसका सत्व भी बनाया जाता है | मुलेठी आमतौर पर पंसारि या किराने की दुकान पर मिलती है |
यह शीतल ,भारी , स्वादिष्ट , शीतवीर्य , नेत्रों के लिए हितकारी , वीर्य वर्द्धक ,केशो तथा स्वर के लिए गुणकारी तथा वात-पित्त एव रुधिर विकार , विष , वमन , तृष्णा , ग्लानी व क्षय को नष्ट करने वाली है |
मुलेठी के गुण के घरेलू उपाय :
मरोड़ :
आत में होने वाली मरोड़ में मुलेठी लाभकारी होती है |
पेट के घाव :
पेट के वर्ण व घावो पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण लाभकारी प्रभाव डालता है |
रक्त वमन :
तीन -चार ग्राम मुलेठी का चूर्ण दूध अथवा शहद के साथ लेने से रक्त वमन अर्थात खून की उल्टी होने पर आराम मिलता है |
जमा बलगम :
5 ग्राम मुलेठी का चूर्ण दो कप पानी में इतना उबाले कि आधा कप पानी क्षेत्र हो जाए इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को पीने से कफ पतला और ढीला होकर निकल जाता है तथा खांसी व दमा के रोगी को राहत मिलती है |
पेट दर्द :
मुलेठी के काढ़े को सुबह-शाम सेवन करने से वात प्रकोप से होने वाला पेट दर्द ठीक हो जाता है |
ह्र्द्यशुल :
आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण आधा चम्मच कुठली का चूर्ण मिलाकर सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ लेने से हृदय की पीड़ा दूर होती है |
हिचकी :
मुलेठी का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आना बंद हो जाता है यह मिश्रण नाक में टपकाए है |
मुंह के छाले :
मुलेठी का टुकड़ा चूसने से मुंह के छाले मिटाते हैं |
पुष्ट शरीर :
5 ग्राम मुलेठी का चूर्ण आधा चम्मच घी और डेढ़ चम्मच शहद मिलाकर चाटने से और ऊपर से मिश्री मिला कर ठंडा किया हुआ दूध पीने से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है |
बल वीर्यवृद्धि :
5 ग्राम मुलेठी का चूर्ण 5 ग्राम असंगत चूर्ण , जरा से घी में मिलाकर चाटकर मिश्री मिला दूध ऊपर से पीने पर बल वीर्य की वृद्धि होती है | यह प्रयोग लगभग 2 महीने तक करें |
आमाशय रोगों में:
मुलेठी चूर्ण ,क्वाथ या स्वरस 5-10 मिली दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है |
जलन :
मुलेठी और लाल चंदन पानी के साथ घिसकर लेप लगाने से जलन शांत होती है |