मेहंदी के गुण उपयोग हिंदी में

मेहंदी का उपयोग केवल हाथ पैरों के श्रृंगार के लिए ही नहीं होता है | बल्कि औषधि के लिए भी किया जाता है| मेहंदी के पत्ते ,फुल ,बिज सभी का प्रोयोग रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है | मेहंदी के पत्तों में हेन्नो टेनिक अम्ल नामक कषाय पदार्ध, हरे रंग का राल तथा रंजक तत्व पाए जाते हैं| इसके बीजों तथा पुष्पों में सुगंधित तेल होता है | मेहंदी को व्यवसायिक दृष्टि से भी उगाया जाता है|
मेहंदी एक खुशबूदार पौधा है | इसकी महक वातावरण को शुद्ध करती है | मेहंदी के पत्ते जलन शांत करने वाले उत्तेजक ह्रदय को बल देने वाले ,उल्टी कराने वाले घाव भरने वाले , सिरदर्द , खासी ,जख्म चर्म रोग व मासिक धर्म संबंधी रोगों में लाभदायक होते है|
मेहंदी के गुण घरेलू नुख्से :
दाग धब्बे :
यदि शरीर पर कहीं दाग धब्बे पड़ गए हो तो उस जगह मेहंदी और साबुन पीसकर लेप लगाने से कुछ ही दिनों में दाग मिट जाते है|
खांसी जुकाम :
मेहंदी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर लेने से खांसी जुकाम में लाभ होता है|
गांठ :
गांठ या सूजन में मेहंदी के पत्तों को पीसकर उसकी पुल्टिस बांधने से लाभ होता है|
सफेद बाल :
मेहंदी का तेल लगाने से असमय सफेद हो रहे बालों में लाभ होता है|
दंत रोग :
यदि दातों से खून आता है या मसूड़े कमजोर हो तो मेहंदी को पानी में उबालकर, ठंडा कर उस से कुल्ला करने से लाभ होता है|
अनिद्रा :
मेहंदी के फूलों को तकिए में भरकर सिर के नीचे लगाने पर नींद अच्छी आती है|
पीलिया :
मेहंदी के पत्तों को कूटकर रात भर पानी में भिगोए| सुबह निथारकर इस पानी को रोगी को पिलाएं 7 दिन तक सेवन करने से पीलिया के रोगी को लाभ होता है तथा बड़ी हुई तिल्ली भी ठीक हो जाती है|
खूनी दस्त :
मेहंदी के 100 ग्राम बिज कूटकर , देशी घी में मिलाकर उनकी गोलियां बना ले | सुबह शाम 1-1 गोली ठंडे पानी से लेने से खूनी दोस्तों में लाभ होता है|
उच्च रक्तदाब :
तलवों तथा हथेलियों पर मेहंदी का लेप लगाने से उच्च रक्तदाब सामान्य हो जाता है|
सिर में जलन :
3 ग्राम में मेहंदी के फूलों का चूर्ण तथा 2 ग्राम कतीरा मिलाकर रात भर पानी में भिगो दें | सुबह मिश्री मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से पीने से सिर की जलन शांत होती है|
जलन पर :
यदि शरीर का कोई अंग जल गया हो तो उस जगह में मेहंदी का लेप लगाने से फफोले नहीं पड़ेंगे तथा जलन दूर होगी|
पथरी :
मेहंदी के पत्तों का स्वाद बना कर गरम-गरम पीने से पथरी बाहर निकल जाती है|
बंद मासिक धर्म:
मेहंदी की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें पुराना गुड़ मिलाकर पीने से रुका हुआ मासिक धर्म आसानी से शुरू हो जाता है|
बिवाइयां :
मेहंदी पाउडर में वैसलीन मिलाकर लगाने से फटी हुई बिवाइया ठीक हो जाती है|