नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज हम बात करने वाले हैं लिवर सिरोसिस इस बीमारी के बारे में, लिवर सिरोसिस का आयुर्वेदिक उपचार । आजकल हर किसी को पेट की समस्या देखने को मिलती है। किसी का डाइजेस्टिव सिस्टम खराब होता है, तो किसी को खाना पचने में परेशानी होती है, तो किसी को गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी बीमारियां जड़ जाती है। ऐसे में आपको अपने लीवर का ध्यान रखना चाहिए। हम बाहर घूमने जाते हैं, तो ठेले पर जो पदार्थ दिखे, हम उसे खा लेते हैं। हम यह नहीं देखते, कि वह पदार्थ कैसे बना है, कैसे तला गया है और वह हमारे लिए सुरक्षित है या नहीं?
हम बड़े-बड़े मॉल्स में जाते हैं। वहां पर बहुत बड़ी-बड़ी बर्गर और पिज्जा की दुकान होती हैं। वह देखने के बाद हमें कंट्रोल नहीं होता है और हम पिज़्ज़ा बर्गर जैसी चीजें खा लेते हैं। यह पदार्थ खाना ना की हमारी संस्कृति है और ना ही हमारे देश के वातावरण में हमें सूट करता है। इन सब गलत आदतों की वजह से हमें लिवर सिरोसिस जैसी बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें हमारा लीवर खराब हो जाता है।
लिवर सिरोसिस के कारण
सिरोसिस के अनेक कारण हो सकते हैं। उसमें अधिकतर शराब का सेवन, हेपेटाइटिस बी जैसे कारण शामिल हो सकते हैं।
- शराब का अधिक मात्रा में रोज़ाना सेवन आपके लीवर को धीरे धीरे करके खराब कर देता है और एक दिन आपको लिवर सिरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है। जिसमें आपका लीवर फेल होने की कगार पर आ जाता है।
- लीवर में हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी जैसे वायरल इंफेक्शन लंबे समय से होना; उसकी वजह से भी लिवर सिरोसिस हो सकता है।
- अगर आपको मोटापे की और डायबिटीज की तकलीफ है, तो आपको लिवर सिरोसिस होने की संभावना हो सकती है। डायबिटीज और मोटापे की वजह से फैटी लीवर की समस्या भी आ सकती है।
- अत्यधिक मात्रा में और रोजाना जंक फूड, फास्ट फूड तथा कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन आपके लीवर को खराब कर देता है और आपको लिवर सिरोसिस होने की संभावना होती है।
- ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण हो सकती है।
- आपके शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से भी लिवर सिरोसिस हो सकता है।
लिवर सिरोसिस के लक्षण
कभी कभी हमें कुछ लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और हमें पता ही नहीं लगता की हमें लिवर सिरोसिस है।
- भूख ना लगना और खाना खाने की इच्छा ना होना।
- थकान, कमजोरी महसूस होना।
- वजन कम हो जाना, चक्कर आना, बेहोशी आना।
- नींद ना आना, सांस लेने में तकलीफ होना।
- त्वचा और आंखो पर पीलापन दिखाई देना और उल्टी होना।
- ऊपरी पेट के सतह पर ब्लड सेल्स याने रक्त कोशिकाएं दिखाई देना।
लिवर सिरोसिस का आयुर्वेदिक उपचार
लिवर सिरोसिस पर डॉक्टर इलाज के साथ-साथ कुछ आयुर्वेदिक इलाज भी शामिल है, जो कि साइड इफेक्ट से रहित है और आपके शरीर के लिए उपयुक्त होते हैं। सभी लोग डॉक्टर की हाइ डोस वाली दवाइयां पचा नहीं पाते हैं, तो ऐसे में आप कुछ आयुर्वेदिक उपचार ट्राई कर सकते हैं।
- विरेचन क्रिया- दोस्तों, जैसे कि हम जानते हैं कि हमारी जीवनशैली बहुत ही बिगड़ गई है। उसी के अनुसार, हम जो जंकफूड खाते हैं उसकी वजह से हमारे शरीर में बहुत मात्रा विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं। उसी से हमारा लीवर खराब हो सकता है। इसीलिए, आयुर्वेद में विरेचन क्रिया की जाती हैं। इसमें आयुर्वेदिक डॉक्टर आपको कुछ ऐसे दवाइयां, जड़ी बूटियां देते हैं; जिससे आपको लूस मोशन यानी दस्त लगते हैं। जिससे आपके शरीर में जमा हुए सारे विषैले पदार्थ शरीर के बाहर फेंक दिए जाते हैं। यह क्रिया एक्सपर्ट्स अपनी निगरानी में ही करवाते हैं। यह क्रिया आप किसी भी डॉक्टर की सलाह से ही करें, अपने मन से ना करें।
- आंवला- आंवले को आयुर्वेद में बहुत ही ज्यादा महत्व दिया गया है। आंवला हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है। आंवले से हमारी इम्यूनिटी तो बढ़ती ही है क्योंकि उसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं तथा एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं। इसीलिए, लिवर सिरोसिस के लिए आंवले का उपयोग किया जा सकता है। आंवला हमारी पाचन तंत्र को मजबूत करता है और हमारे लीवर के सेल्स जो डैमेज हुए हैं, उनको मेंटेन करने में मदद करता है। लिवर सिरोसिस की वजह से हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में आंवले का सेवन करने से हमारे शरीर के रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ने में मदद मिलती है।
- एप्पल साइडर विनेगर- सेब का सिरका फैटी लीवर के लिए बहुत ही उपयुक्त माना गया है। इससे आपके लीवर में जमा हुए फैट्स को कम करने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में सेब का सिरका बहुत ही उपयुक्त माना गया है। इसका सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
- गिलोय और एलोवेरा- गिलोय और एलोवेरा आयुर्वेद में हर समस्या के ऊपर कारगर साबित हुए हैं। गिलोय का उपयोग करके आप बड़ी बड़ी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। गिलोय और और एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसीलिए, इनका उपयोग लीवर सिरोसिस के उपचार के दौरान भी किया जा सकता है। एलोवेरा में फाइबर मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से आपके लीवर और आपके पाचन तंत्र में सुधार आने में मदद मिलेगी।
- मुलेठी- मुलेठी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। लिवर सिरोसिस में लीवर की पेशिया डैमेज हो जाती हैं। इसीलिए, लिवर सिरोसिस के उपचार के दौरान आप मुलेठी का उपयोग कर सकते हैं, जो आपके लीवर को पोषण प्रदान करता है। आपकी सेहत के लिए मुलेठी फायदेमंद होती हैं।
- डॉक्टर की सलाह- लीवर सिरोसिस एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। अगर यह घरेलू नुस्खे तथा आयुर्वेदिक इलाज से भी ठीक ना हो रही हो, तो तुरंत आप अपने डॉक्टर की सलाह ले। डॉक्टर आपका पूरी तरह से परीक्षण करेंगे और उसके बाद आपको दवाइयों का कोर्स करने को बोलेंगे। आप डॉक्टर की सलाह जरूर माने और उसके अनुसार ट्रीटमेंट करवाएं।

दोस्तों, इन सब आयुर्वेदिक उपचार के साथ साथ आप शराब का सेवन करना छोड़ दें, धूम्रपान, तंबाकू का सेवन करना छोड़ दें। यह सारी गलत आदतें आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसीलिए, अपने डॉक्टर के उचित सलाह ले कर आप ट्रीटमेंट कराएं और अपने लिवर को डैमेज होने से बचाएं। उम्मीद है आपको आज का यह ब्लॉग काफी इंफॉर्मेशन दे गया हो और आपको आज का ब्लॉग पसंद आया हो। धन्यवाद।