लौंग के उपाय

लौंग के वृक्ष पर जो सुगंधित फूल लगते हैं, उनकी कलियों को तोड़कर सुखा लेते हैं| इन्हें ही लौंग कहते हैं| लौंग का उपयोग कफ का शमन करने के लिए और शीतवीर्य होने से पित्त का शमन करने के लिए किया जाता है|
लौंग सुगंधित, पाचक, वातनाशक, उत्तेजक, कफ नाशक, रक्त विकार नाशक, दुर्गंध नाशक है| लौंग का सेवन करने से आमाशय में पाचक रसों का स्त्राव होता है, जिससे पाचक शक्ति प्रबल होती है | लौंग का उपयोग पाचन क्रिया की वृद्धि के लिए भी किया जाता है|
लौंग के उपयोग:
दांत दर्द:
दात या दाढ़ में दर्द होने पर रुई के फाहे में लौंग का तेल लगाकर दर्द वाले मसूड़े पर रखने से दांतो का दर्द दूर होता है|
अपच:
आधा कप पानी में दो लौंग पीसकर उबालें और ठंडा होने पर पी जाए| इस प्रकार दिन में तीन बार पीने से अपच और गैस में लाभ होता है|
जी मचलाना:
यदि मितली आ रही हो तो 4-5 लौंग चबाने से जी मिचलाना कम हो जाता है|
प्यास की तीव्रता:
पानी में लौंग उबालकर ठंडा करके पीने से बार-बार लगने वाली प्यास कम हो जाती है|
खांसी और दमा:
रात को सोने से पहले 8-10 बनी हुई लौंग खाने से कुछ ही दिनों में लाभ होता है|
हिचकी :
2 लौंग मुंह में डालकर चूसने से हिचकी में शीघ्र लाभ होता है|
सिर दर्द:
लौंग को पानी में पीस कर गर्म करके ललाट और कनपटी पर लेप करने से सिर दर्द व तनाव मिटता है|
ज्वर:
लौंग व चिरायता समभाग पानी में पीसकर शहद के साथ पिलाने से ज्वर उतर जाता है|
सर्दी-जुकाम:
एक बताशे या एक चम्मच शक्कर मैं दो बूंद लौंग का तेल टपकाकर खा लें तथा रुमाल में तीन-चार बूंद तेल टपकाकर दिनभर सूंघते रहे|
उदर विकार:
दो चम्मच लौंग का फाँट एक कप पानी में डालकर दिन में तीन बार पीने से अपच व उदरवायु ठीक होता है व पाचन क्रिया ठीक होती|
पेट दर्द:
अजीर्ण के कारण पेट दर्द होने पर एक चम्मच लौंग का चूर्ण गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से आराम मिलता है|
जुकाम:
3 लौंग, 5 काली मिर्च व बताशे को पीसकर व उबालकर पीने से जुखाम ठीक हो जाता है|
नेत्रज्योति:
हर रोज सुबह और रात को भोजन के बाद लौंग का सेवन करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है तथा भोजन भी शीघ्र पचता है|