कमरख के फायदे हिंदी में

कमरख का वृक्ष २० फिट तक ऊँचा होता है | इसका फूल सफेद एव बैंगनी रंग के होते है | पका हुआ कमरख का फल शीतवीर्य , मधुर से रुचिकर , प्यास बुझाने वाला , पित्तशामक , रक्तविकारनाशक तथा शक्तिदायक होता है |
कमरख का पका फल खुनी बवासीर की श्रेष्ट दवा माना जाता है | इसकी तासीर ठंडी होती है |
कच्चा कमरख खट्टा , वायुनाशक , मलरोधक , गरम व् पित्तकारक होता है | कमरख का कच्चा फल पचने में हल्का होता है |
इसमें अम्ल , मधुर व् कषाय रस मिलते है | यह भोजन के प्रति रूचि व भूक बढ़ता है तथा दस्त भी ठीक हो जाते है |यह खुनी बवासीर , रक्तपित्त , संग्रहनी , स्कर्वी तथा रक्तविकार में उपयोगी है |
यह खून के गर्मी को शमन करके रक्त साफ़ करता है | गर्मी से होने वाले बुखार को दूर करता है |
घरेलू उपाय :
प्यास :
पके हुए कमरख का सेवन करने या इसके शरबत से प्यास बुझती है |
नेत्र रोग :
इसके रस की २-३ बूंद आँख में कुछ दिन डालने से आँख का जाला साफ़ होता है |
कमरख के पत्ते :
कमरख के पत्ते शारीरिक जलन को दूर करते है , रक्त को शुद्ध करते है , तथा दस्त बांधने वाले होते है | ये भूक को बढ़ाते है |
कमरख के बीज :
इसके बीज वमनकारक अर्थात उल्टी कराने में उपयोगी होते है | हमेशा पके हुए कमरख का फल ही प्रयोग में लेना चाहिए |
वमन :
२ चम्मच कमरख का रस दिनों में ४-५ बार लेने से पित्त वमन में लाभ होता है
भूक खुलना :
भोजन में अरुचि हो या पेट भारी रहता हो तो कमरख का एक फल नमक के साथ खाने से भूक खुलती है |
पित्ती :
पित्ती तथा वातरोग में सुबह-शाम कमरख खाने से लाभ होता है |
अतिसार :
कमरख का ताजा रस या शरबत पैत्तिक अतिसार में लाभदायक होता है|