नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है कमल ककड़ी खाने के फायदे और नुकसान,हमारे भारत देश की संस्कृति काफी प्राचीन और समृद्ध है। इसमें हर एक प्रथा को बड़े दिल से निभाया जाता है और हर एक प्रथा की बहुत ही मान्यता होती हैं। पूजा, पाठ, होम, हवन, यज्ञ आदि में फल तथा फूलों का अलग ही महत्व होता है। कमल हमारे भारत का राष्ट्रीय फूल हुए है। यह फूल संस्कृति, दिव्यता और सौंदर्यता का प्रतीक माना जाता है। कमल की जड़े पानी के अंदर होती हैं तथा कमल के फूल और पत्ते पानी के ऊपर होते हैं। यह फूल बारहमासी होता है और इसके बीज निष्क्रिय होने पर लंबे समय के बाद अंकुरित होते हैं।
कमल की जड़ें पानी के नीचे कई फीट तक फैली हुई होती है। इन जड़ों को काटा जाता है, साफ किया जाता है और बाजार में बेचने के लिए लाया जाता है; जिसे “कमलककड़ी” कहते हैं। कमल ककड़ी का इस्तेमाल एशियाई देशों में कई व्यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है। कमल ककड़ी औषधीय गुणों से काफी समृद्ध मानी जाती है। किसी भी बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए कमल ककड़ी का सेवन किया जा सकता है। कमल ककड़ी किसी भी बीमारी का ठोस इलाज नहीं है। तो दोस्तों, आज हम जाने वाले हैं कमल ककड़ी खाने के फायदे और नुकसान के बारे में।
कमल ककड़ी क्या होती है
दोस्तों, कमल के जड़ों को ही कमल ककड़ी कहते हैं। कमल ककड़ी काट कर उसको धोया जाता है और बाद में बाजार में बेचने के लिए लाया जाता है। इसको व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसको सब्जी, सलाद, रायता, अचार के रूप में खाया जाता है। खाने के साथ-साथ ही कमल ककड़ी का इस्तेमाल औषधीय रूप से भी किया जाता है। इसमें मौजूद कई पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए काफी उपयुक्त होते हैं। औषधीय उपयोग के लिए इसका प्राकृतिक रूप से या पाउडर बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। कमल ककड़ी खाने से हमारे शरीर को बहुत सारे लाभ मिलते हैं।
कमल ककड़ी खाने के फायदे
कमल ककड़ी में विटामिन बी ६, विटामिन सी, थियामिन, खनिज जैसे; पोटैशियम, फास्फोरस, तांबा, आयरन तथा प्रोटीन, फाइबर जैसे फाइटो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। इन सभी पोषक तत्वों की वजह से कमल ककड़ी खाने के बाद शरीर को काफी सारे फायदे मिलते हैं। ध्यान रहे, कमल ककड़ी का सेवन किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन करने से किसी भी बीमारी के लक्षणों में कमी देखी जा सकती हैं।
१) डायबिटीज-
कमल ककड़ी का सेवन करने से डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल में किया जा सकता है। कमल ककड़ी का उपयोग डायबिटीज के उपचार के तौर पर भी किया जा सकता है। कमल ककड़ी में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और शरीर में कार्बोहाइड्रेट का अवशोषण कम करता है। इस तरह से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित की जा सकती है।
२) दिमाग-
दिमाग के तंत्रिका रिसेप्टर्स में गड़बड़ी होने के कारण हमें चिड़चिड़ापन, तनाव तथा सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। कमल ककड़ी में मौजूद विटामिन बी६ कॉन्प्लेक्स इन्हीं रिसेप्टर्स के साथ संपर्क करता है और इसका सीधा प्रभाव हमारे मानसिक स्थिति पर होता है। इस तरह से, कमल ककड़ी का सेवन करने से चिड़चिड़ापन, तनाव तथा सिरदर्द जैसी मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसी के साथ, कमल ककड़ी में मौजूद पोटैशियम मस्तिष्क के द्रव और ब्लड फ्लो को भी नियंत्रित करता है।
३) ब्लड प्रेशर-
कमल ककड़ी में पोटेशियम मौजूद होता है। पोटेशियम हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। पोटेशियम हमारे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखता है, सोडियम के प्रभाव को कम रखता है और रक्त वाहिकाओं को आराम देता है। इसी के साथ, पोटेशियम के कारण शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम का तनाव कम होता है। इस तरह से, हमारा ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहने से हमें ह्रदय रोग जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
४) बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन-
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए कमल ककड़ी काफी असरदार होती है। कमल ककड़ी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स बॉडी से टॉक्सिंस बाहर निकालने का काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स और किडनी और लीवर का ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करते हैं। इसीलिए, बॉडी को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सिफाई करने के लिए कमल ककड़ी का सेवन करना चाहिए।
५) एनेमिया-
एनीमिया की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। शरीर में आयरन की कमी हो जाने से पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं होता है। इसी कारण, कई लोग एनेमिया शिकार हो जाते हैं। कमल ककड़ी में मौजूद इथेनॉल तत्व में ब्लड सेल्स को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं; जो आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया को रोकने में असरदार होते हैं। हालांकि, एनीमिया के समस्या के लिए कमल काकड़ी कितने फायदेमंद है; इसके ऊपर पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं है।
६) पाचन तंत्र-
कमल ककड़ी में मौजूद फाइबर हमारे पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। इसी के साथ; गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसे पेट संबंधित समस्याओं के लिए भी यह असरदार होती हैं। कमल ककड़ी गैस्ट्रिक जूस के स्राव से पोषक तत्व को अब्सॉर्ब करने के लिए मदद करती हैं। कमल ककड़ी का सेवन आंतों की मांसपेशियों में पेरीस्टाल्सिस मोमेंट को गति प्रदान करती हैं। इसी कारण, मल त्याग के दौरान भी कोई परेशानी नहीं होती हैं।
७) इम्यूनिटी-
शारीरिक रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने के लिए भी कमल ककड़ी का सेवन आवश्यक माना गया है। कमल ककड़ी में विटामिन सी मौजूद होता है; जो हमारे शरीर में इम्यूनिटी बूस्ट करता है। विटामिन सी एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है; जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को हटाता है और ब्लड फ्लो को नियंत्रित करता है। इसीलिए, कमल ककड़ी का सेवन करने से हमें हृदय रोग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। क्योंकि, इसका सेवन हमारी इम्युनिटी बढ़ाता है।
कमल ककड़ी खाने के नुकसान
वैसे तो, कमल ककड़ी खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन, इसके ऊपर शोध अभी जारी है। कमल ककड़ी का सेवन उचित मात्रा में करना ही बेहतर होता है।
१) कमल ककड़ी को हमेशा पका कर ही खाना चाहिए। इसको कच्चा खाने से बैक्टीरियल इनफेक्शन होने की संभावना होती है।
२) कमल काकड़ी को कच्चा खाने से बुखार, डायरिया, पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
३) अगर आप किसी खास बीमारी का इलाज कर रहे हो; तो कमल ककड़ी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से उचित सलाह जरूर लें।
तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का कमल ककड़ी खाने के फायदे और नुकसान यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।
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