कद्दू के फायदे

बेल पर लगने वाला यह फल आकर में बड़ा होता है | कद्दू को काशीफल भी कहते है और इसको इंग्लिश में पम्पकिन कहते है |
पकने पर ये फल ऊपर से पीला या भूरे रंग का होता है | इसके पत्ते बड़े तथा रोएंदार होते है |
काटने पर कद्दू लाली लिए पीले रंग का होता है | यह सुबह सब्जी बनाने के काम आता है | परंतु कई जगहों पर इसे जानवरों को खिलाने के लिए उगाया जाता है
इसमें विटामिन ‘सी ‘ विटामिन मात्रा में पाया जाता है | साथ ही इसमें विटामिन ‘ ए ‘ बी तथा ‘ भी ‘ काफी मात्रा में होते है |
इसमें एक प्रकार का अम्ल होता है जिससे शरीर के विकार नष्ट होते है | यह प्रमेह पथरी , मूत्रकृच्छ , तथा पित्त नाश करने वाला गुण होता है | इसके गुदे का रस सौंदर्य प्रसाधन में भी काम लाया जा सकता है | सदैव पके हुए काशीफल का ही प्रयोग करना चाहए |
कद्दू के आयुर्वेदिक उपचार :
सफेद दाग का इलाज :
इसका फूलो का रस रोज लगाने से शरीर के सफेद दाग मिट जाते है |
दाग धब्बे से छुटकारा :
इसका रस लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते है तथा त्वचा कोमल होती है |
सिरदर्द का रामबाण इलाज :
कद्दू को पीसकर माथे पर लेप लगाने से लाभ होता है |
पेट के कीड़े का इलाज :
इसके रस के सेवन करने से पेट के कीड़े का नाश होता है |
मूत्ररोग :
मूत्र में शक्कर ( शुगर ) या पथरी होने पर इसके रस का नियमित सेवन करे |
एसिडिटी :
इसका रस सेवन करने से खट्टी डकारे तथा एसिडिटी दूर होती है |
पायरिया :
कद्दू को गरम करके इसका रस निकालकर गरारे करने से पायरिया आदि रोग दूर होते है |
गुदे का दर्द :
कद्दू को काटकर तथा इसके टुकडो को हल्का – गरम करके दर्द वाले स्थान पर लगाने से गुर्दे का दर्द ठीक जाता है |
नेत्र रोग :
कद्दू के छिलको को छाया में सुखाकर उसे जला कर इसे बारीक पीसकर सलाई व्दारा दिन में २-३ बार लगाने से सभी प्रकार के नेत्र रोग दूर हो जाते है |
कान का दर्द :
कद्दू का रस तथा माँ के स्तनों का दूध समभाग लेकर कुछ बुँदे कान में टपकाने से कान का दर्द बंद हो जाता है |
लिंग की नसों का इलाज :
वृध्दावस्था में जब प्रोटेस्ट -ग्रंथी विकृत हो जाती है और ,मूत्र संबंधी बिकार पैदा हो जाते है , तब काशीफल के बीजो का प्रयोग करने से लाभ होता है |