जिमीकंद के फायदे Benefits of Yam in hindi

जिमीकंद के फायदे

जिमीकंद के फायदे
जिमीकंद के फायदे

जिमीकंद के फायदे में जानते है क्या है इसको खाने के फायदे और आयुर्वेदिक गुणकारी उपचार | इसका अंग्रेजी में यानिकी इंग्लिश में yam नाम से कहा जाता है| इसका आचार
यह जमीन के अंदर पैदा होने वाला गुणकारी व् उपयोगी कंद है , जो भारत में सर्वत्र पैदा होता है | जमीकंद का पौधा 3 फीट तक ऊँचा होता है|

इसके पत्ते २-३ फीट लंबे हरे रंग के व् हल्के हरे धब्बे वाले होते है | इसका फल आधा इंच लंबा , गहरे भूरे व बादामी रंग का होता है , जिसमे २-३ बीज होते है |
वातहर , दीपक , कटु ,पाचक व रुचिकर है | इसमें बवासीर रोग को नष्ट करने का विशेष गुण है | यह रुखा , खुजली करने वाला , चरपरा व कफ नाशक होता है | यह प्लीहा विकार व् गुल्म को नष्ट करता है |

जिमीकंद के घरेलू उपाय :

  • बिच्छू दंश :
    इसकी बनाकर बिच्छू दंश वाले जगह पर बांधने से जहर उतर जाता है |
  • आम दोषज विकार :
    जिमीकंद के चूर्ण घी में भुनकर और इसमें शक्कर मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है |
  • संधिशोधक :
    इस फल को बारीक़ पीसकर घी तथा शहद के साथ लेप करने से संधिशोधक में लाभ मिलता है |
  • गठिया :
    जिमीकंद के बीज व गुदे को पानी के साथ पीसकर दर्द वाले जोड़ो पर लेप करने से शीघ्र लाभ मिलता है |
  • शुक्र दौर्बल्य :
    जिमीकंद के लड्डू या पाक बनाकर खाने से लाभ मिलता है |
  • खूनी बवासीर :
    इसको इमली के पानी में धोकर उबले तथा शुद्ध घी से भुनकर इसकी सब्जी बनाकर खाए |
  • खूनी बवासीर :
    खूनी बवासीर होने पर इसके उपर गोली मिटटी चढ़ाकर आग में भुन ले | फिर इसकी मिटटी हटाकर पानी से साफ़ कर ले | इसके टुकड़े करके छाया में सुखाकर चूर्ण बना ले | १० ग्राम चूर्ण रोज पानी के साथ लेने से बादी बवासीर में लाभ होता है |

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