आज का विषय है जठर रस के बारे में, जो कि हमारे पेट में रहता है और खाना पचाने में मदद करता है | लेकिन कई सारे लोगों को उस जठर रस के बारे में ही पता नहीं है कि वह शरीर में किस अंग में रहता है और किस भाग में रहता है और किस प्रकार से आए हुए अन्न को पचाता है |
तो आज हम इस विषय में आपको जठर रस के बारे में गहराई से जानकारी देने वाले हैं कि वह किस प्रकार से कार्य करता है और उसे वह कार्य करने के लिए कितना वक्त लगता है
| दोस्तों हमारे पेट में चार मुख्य अंग होते हैं | जैसे कि ग्रास नली, आमाशय, यकृत, अगान्यशय इन चारों अंगों के प्रक्रिया के आधार पर हम खाया हुआ खाना पचाने में सक्षम होते हैं | तो इसके बारे में हम आगे की जानकारी में थोड़ा गहराई से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो चलिए आइए बढ़ते हैं आगे की जानकारी कि और |
जठर रस क्या है ? Gastric juice in Hindi :
दोस्तों जठर रस यह हमारे आमाशय में रहने वाला एसिड होता है, जिसे गैस्ट्रिक एसिड भी कहा जाता हैं | इसी एसिड में खाया हुए पदार्थ तरल पदार्थ में बदल जाता हैं और वह हमारे शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं |
तो गैस्ट्रिक एसिड में कौन कौन से एसिड होते हैं ? इनके बारे में हम आपको जानकारी देते हैं और वह किस प्रकार से काम करते हैं यह भी हम आपको बताने वाले हैं |
Gastric Juice में एचसीएल होता है :
एचसीएल आपके खाए हुए खाने को अम्लीय पदार्थों में रूपांतरित करता है और खाए जाने वाले पदार्थों में से रोगाणुओं को यानी कि बैक्टीरिया को मारता है | जिससे हमें किसी प्रकार का इन्फेक्शन या बीमारी ना हो |
Gastric Juice में दूसरा होता है trypsin enzyme:
जब एचसीएल खाए हुए पदार्थों को अम्लीय पदार्थों में रूपांतरित करता है तो वह उस अन्न को trypsin enzyme के पास भेजता है | तो trypsin enzyme उस अम्लीय पदार्थों में से प्रोटीन का पाचन करता है |
Gastric Juice में तीसरा होता है renin enzyme ?
Renin enzyme यह खाए हुए खाने में से कैसीन प्रोटीन का पाचन करता है | कैसीन प्रोटीन यह दूध में पाया जाता है, तो इस प्रोटीन में से renin enzyme विटामिन B2 लेता है |
जठर रस कहां बनता है ? Gastric juice Location in Body in Hindi :
दोस्तों जठर रस यह हमारे आमाशय में होता है | जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया जठर रस में अम्लीय पदार्थ और तत्व होते हैं | जो यकृत यानी लीवर से आमाशय में आते हैं | लिवर जठर रस को बनाता है और उसे आमाशय में एकत्रित करता है |
जठर रस का कार्य क्या है ? Jathar ras ka use in Hindi :
जठर रस यह अम्लीय पदार्थ होने के कारण खाना पचाने में सक्षम होता है | जब हम खाना खाते हैं तो उस वक्त खाया हुआ खाना पूरी तरह से छोटे-छोटे टुकड़ों में नहीं होता है तो जटा रस उन्हें छोटे टुकड़ों में बटवारा करके उन्हें लिक्विड फॉर्म में बदल देता है और फिर उसे हमारी छोटी आत में फैला देता है जिससे हमारे शरीर की कोशिकाएं सभी प्रकार के न्यूट्रिशंस लेने लगती है |
तो जठर रस का केवल एक ही कार्य है वह हमारे खाए हुए खाने को लिक्विड में बदल देता है और खाने के साथ जो कुछ बैक्टीरिया या रोगों के जीवाणु खाए जाते हैं उन्हें वहीं पर मार गिराता है और हमें खाने में से किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होने देता है | तो यह कार्य जठर रस आमाशय में रहकर करता है |
जठर रस संतुलित कैसे रखें ? Jathar ras ko control me kaise rakhe ?
Gastric Juice का सीधा सीधा संबंध हमारे वात पित्त और कफ से आता है | जठर रस को संतुलित रखने के लिए आप योग प्राणायाम का इस्तेमाल कर सकते हैं | जिसके जरिए Gastric Juice संतुलित रहता है | या फिर जब आप खाना खाते हैं उस दौरान पानी नहीं पीए | और हमेशा शरीर के तापमान के बराबर का ही पानी पिए ना ही ज्यादा ठंडा और ना ही ज्यादा गर्म |
अगर गर्म पानी पीते हैं तो वो शरीर के लिए अच्छा है लेकिन ज्यादा ठंडा पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक होता है | क्योंकि वह जठर रस की आग को बुझा देता है और ऐसे में आपने खाया हुआ खाना पचाने में जठर रस सक्षम नहीं होता है और आपको कई सारे पेट की बीमारियों का सामना करना पड़ता है | हमेशा खाना खाने के बाद घूमने के लिए जाए | और खाना कभी भी भरपेट और उससे अधिक ना खाए |
अगर आपको 100% भूख लगी हो तो आपने 70 से 80% ही खाना खाना चाहिए, जिससे पेट को खाना पचाने के लिए आसानी होती है, और इस तरीके से आप आपके Gastric Juice को संतुलित रख सकते हैं |