ईसबगोल के फायदे

यह कब , दस्त तथा कोलेस्ट्रोल जैसी बीमारियों सस्ता हुआ सर्वोत्तम इलाज है | इसके पत्ते धान के पत्तों के समान होते हैं तथा बीजों के ऊपर बारीक़ सफेद झिल्ली होती है | यही झिल्ली इसबगोल की भूसी के रूप में बाजार में मिलती है |
इसबगोल में 20 गुना पानी सोखने की शक्ति होती है तथा यह जैलीकरण करता है | जिससे भूसी आंतों में गति कर मल निकालने में सहायक होती है | यह जीवाणुओ की वृद्धि रोककर आंतों में होने वाले कैंसर से बचाती है |
इसके बीच , शीतल , दस्तावर कब्ज दूर करने वाले , अतिसार , पेचिस, आंतों के घाव में उपयोगी है | वात रोगों में इसकी पुल्टिस लाभदायक है | यह उदर रोगों में लाभकारी औषधि है |
ईसबगोल के घरेलू उपाय :
कफ पीड़ा :
ईसबगोल के बीजों का काढ़ा सेवन करने से ठंड व कफ शांति होती है |
अन्य विकार :
एक चम्मच ईसबगोल सुबह शाम पानी या दूध के साथ सेवन करने से उदर विकार , खांसी ,दमा तथा सूखी खांसी में लाभ होता है |
उंगली पकना :
दो चम्मच ईसबगोल पानी में भिगोए| फूल जाने पर पक्की हुई उंगली पर मोटी तो हो लगाकर कपड़े की पट्टी को भिगोकर लगाकर गिली बनाए रखें |3-4 बार इस प्रकार पुल्टिस बांधने से उंगली का वर्म फुटकर दर्द मिट जाता है बाद में घाव पर मरम लगा ले |
पेचिस :
1 चम्मच सुबह शाम को दही में मिलाकर खाने से दो-तीन दिन में पेचिस में लाभ होता है | पेचिस होने पर भोजन में केवल तरफ खिचड़ी ही खानी चाहिए|
कमर दर्द :
इसके बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से कमर दर्द ठीक हो जाता है |
मूत्र की जलन:
इसकी भूसी का प्रयोग करने से मुश्किलों की जलन दूर होती है |
बवासीर:
ईसबगोल की भूसी की रात को गर्म दूध के साथ लेने से मल कोष्ट साफ हो जाता है , जिससे धीरे-धीरे बवासीर में लाभ होता है |
गैस :
ईसबगोल का सेवन करने से पेट की गैस नष्ट हो जाती है |
कब्ज :
दो चम्मच ईसबगोल की भूसी रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध के साथ लेने से आंतों की खुश्की तथा कब्ज की शिकायत दूर होती है |
ek kisan apne khet me paida isabgol se bhusi kaise nikale ? koi chhota ukarn ho to bataia