हरा धनिया के लाभ

आज हम आपको धनिए के घरेलू उपाय बतांएंगे | धनिए का प्रयोग मसाले के रुप में किया जाता है | भोज्य पदार्थों में ताजा हरा धनिया डालने से भोजन रुचिकर होने के साथ अनेक गुणों से युग तो हो जाता है |हरा धनिया को मराठी में कोथंबीर कहते है और इंग्लिश में Green Coriander कहते है|
धनिए के सूखे बीज व हरी पत्तियां काम में लाई जाती है | हरा धनिया साग- सब्जियों को सुगंधित और स्वादिष्ट बना देता है | हरे धनिए को चटनी के प्रयोग में लाया जाता है |
धनिया कसैला , सिग्न्ध , वीर्य के लिए हितकारी , मूत्रल ,मल को रोकने वाला मधुर होता है | यह उल्टी ,श्वास ,खांसी , दुर्बलता एवं पेट के कीड़ों को दूर करता है |
हरा धनिया के घरेलू नुस्खे :
गंजापन का इलाज :
धनिए का रस बालों में लगाने से गंजे हिस्से पर उगना शुरू हो जाता है |
मुंह की दुर्गंध :
लहसुन ,प्यास खाने के बाद मुंह की दुर्गंध समाप्त करने के लिए हरा धनिया चबाए |
आंखों का दर्द :
हरे धनिया को कुछ देर पानी में भिगोकर मसलकर छान ले | इस पानी से आंखें धोने से दुखती आंखें ठीक हो जाती है|
नशा उतारने के लिए :
मादक पदार्थों का नशा उतारने के लिए हरे धनिए का रस लाभप्रद है |
सुखी खासी में राहत:
ताजे या सूखे आंवले की चटनी के साथ हरे धनिए की पत्तियां पीसकर सेवन करने से खांसी में लाभ होता है तथा कफ निकल जाते हैं|
मुंह के छाले :
हरे धनिए का रस छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं |
टाइफाइड का घरेलु उपाय :
टाइफाइड में धनिए के रस से लाभ होता है |
अनिद्रा का इलाज :
हरा धनिया पीसकर उसमें शक्कर मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है|
गर्भवती को वमन :
धनिया उबालकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से गर्भवती महिला को उल्टियां आनी बंद हो जाती है|
पेट दर्द का इलाज :
धनिए के पत्तों की चटनी हरी मिर्च अदरक व नारियल के साथ बनाकर खाने से पेट दर्द दूर हो जाता है |
उल्टी :
हरे धनिए के रस में कागजी निंबू का रस व सेंधा नमक मिलाकर लेने से लाभ होता है|
सुखी खासी :
ताजे या सूखे और आंवले की चटनी के साथ हरे धनिए की पत्तियां पीसकर सेवन करने से खांसी में लाभ होता है तथा कफ भी निकल जाती है|
ज्वर की गर्मी:
ज्वर के बाद यदि शरीर में गर्मी शेष रह जाए , आंखें गरम हो , साथ ही बुखार का भी अनुभव हो तो भोजन में हरे धनिए की पत्तियों का सेवन करें दो चार दिनों में ज्वर की गर्मी दूर हो जाएगी |
श्वास रोग :
हरे धनिए के रस में सेंधा नमक डाल कर देने से दमा तकलीफ में लाभ होता है|
आंव दोष :
हरे धनिए की पत्तियां तथा सौंफ को पानी में भीगोकर मसल , छानकर पीने से दोष दूर होता है तथा जलन , दाह , मूत्र की जलन व बेचैनी दूर हो जाती है|