हल्दी के घरेलू उपचार हिंदी में

हल्दी मात्र मसाला अथवा औषधि ही नहीं ,बल्कि धार्मिक ,आर्थिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसका सर्वप्रथम स्थान है |मांगलिक कार्यो ,तांत्रिक प्रयोग व हवन ,यज्ञ ,अनुष्ठान आदि धार्मिक शुभ कार्य में भी इसे सर्व प्रथम स्थान प्राप्त है |आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में इसके महत्व की अपार महिमा का वर्णन उपलब्ध है |यह चार प्रकार की होती है -1.हल्दी 2.दारू हल्दी 3.आवा हल्दी 4.काली हल्दी
जो दैनिक आहार में हल्दी आती है वही हल्दी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है तथा यहां पर भी इसके गुणों का वर्णन है |
हल्दी के घरेलू उपचार कैसे करे :
- यदि चोट बंद हो तो गुनगुने दूध में 2 से 4 ग्राम तक हल्दी चूर्ण मिलाकर पीना बहुत ही गुणकारी होता है |
- बिच्छू दंश में हल्दी के घरेलू उपचार बारीक पीसकर लेप लगाते रहने से लाभ मिलता है |
- सर्दी के जमे हुए जुकाम को दूर करने के लिए हल्दी चूर्ण आग के कोयले पर डालकर नाक के रास्ते धुंआ लेने से जमा हुआ बलगम निकालकर जुकाम दूर हो जाता है |
- हल्दी चूर्ण एक से दो माशा तक शहद के साथ चाटने से बलगमी खांसी दूर हो जाती है |
- हल्दी का चूर्ण और काले तिल को बराबर मात्रा में पानी में पीसकर चेहरे पर लेप लगाते रहने से चेहरे की झाइयां दूर हो जाती है |
- हल्दी का शुष्क चूर्ण जोंक के डंक लगे स्थान पर छिड़कने से खून आना बंद हो जाता है |
- पिसी हल्दी और नमक एक 1 ग्राम मिलाकर गर्म पानी से फंकी लगाते ही दो-तीन मिनिट में हवा ,वायु खारिज होकर अफरा मिट जाता है |आवश्यकतानुसार आधा-आधा घन्टे 4-5 खुराकी ली जा सकती है |
- घाव को धोकर हल्दी चूर्ण बुराक देने से घाव के कीड़े मर जाते है |
- हल्दी के घरेलू उपचार और असली मिलाकर पीस कर कुछ गरम कर फोड़े में बांधने से थोड़ा शीघ्र फूट जाता है |
- आंखों में लालिमा होने पर हल्दी का आँख के ऊपर लेप लगाए |
- दांत दर्द में पिसी हल्दी को कपड़े में रखकर दांत के नीचे रखे |
- आधा से एक तोला हल्दी दही में मिलाकर खाने से कामला रोग ठीक हो जाता है |