गुलदाउदी के गुण

गुलदाउदी को Chrysanthemum कहते है .
सर्दी प्रारंभ होते ही वाटिकाओं में गुलदाउदी केव फूल खिल जाते है | गुलदाउदी का पौधा चीन तथा जपान की देन है | इसके पत्ते गहरे हरे रंग के तथा कटे -फटे से होते है | गुलदाउदी के पौधे 3-4 फीट ऊँचे होते है |
गुलदाउदी फ़ारसी भाषा का शब्द है | उह भृंगराज कुल का पौधा है | गुलदाउदी के पत्ते तासीर में ठंडे होते है | ये पौष्टिक होने के साथ वीर्यवर्ध्दक होते है | यह ह्रदय के लिए हितकारी है |
गुलदाउदी के गुण घरेलू उपाय :
सिरदर्द :
गुलदाउदी के पत्तों को पीसकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द ठीक हो जाता है |
मुंह की छाले :
गुलदाउदी के ताजा तथा नरम पत्ते धोकर मुह में चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है |
नकसीर :
गुलदाउदी के पतों का ताजा रस की २-3 बूंद नाक में टपकाने से नकसीर में शीघ्र आराम मिलता है |
ह्रदय की दुर्बलता :
गुलदाउदी के फूलों का अर्क तथा इसके फूलों का कंद सेवन करने से ह्रदय को ताकत मिलती है तथा चित्त की प्रसन्नता बढती है |
बवासीर :
गुलदाउदी के ८-१० पत्तों का रस मिश्री के साथ सेवन करने से खुनी बवासीर में शीघ्र लाभ होता है |
गाँठ पकना :
शरीर के किसी भी स्थान पर गाठं पड़ जाने पर गुलदाउदी के पत्तों की गरम पुल्टिस बनाकर बांधने से गांठ पककर फूट जाती है |
मूत्र रोग :
मूत्र त्यागने से कठिनाई होने पर इसके ५-७ पत्ते कालीमिर्च के साथ पीसकर लेने से आराम मिलता है |
आग से जलने पर :
गुलदाउदी के फूल तथा पत्तों को पीसकर जले स्थान पर लेप करने से जलन शीघ्र शांत होती है |
पथरी :
पथरी होने पर पर गुलदाउदी के सूखे फूलों के चूर्ण में १ चम्मच समभाग मिश्री मिलाकर पानी के साथ लेने से पथरी में लाभ होता है |