गुड के औषधीय गुण

गुड के औषधीय गुण

गुड के औषधीय गुण
गुड के औषधीय गुण

गुड गन्ने से तैयार किया जाता है | गुड में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है ,जो शरीर में रक्ताल्पता दूर करता है | इसमें मौजूद कैल्शियम बच्चों और बुजुर्गों के लिए उपयोगी होता है आज हम आपको गुड के औषधीय गुण के बारेमे बताएँगे |

गुड को शुभ शकुन भी माना जाता है |  आज भी शुभ कार्य के लिए जाते समय गुड़ खाकर जाना के टोटका बना हुआ है |  जहां गर्मी के मौसम में बाहर से आने पर गुड़ खाकर पानी पीने से लू नहीं लगती |  वही सर्दियों के मौसम में गुड़ खाने से शरीर में गर्मी आती है |  गुड में पोषक गुणों के साथी अनेक गुड के औषधीय गुण विद्यमान है |

गुड के औषधीय गुण घरेलू उपाय :

कांतिवान :

शरीर एक गिलास दूध में गुड़ और एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से शरीर कांतिवान होने के साथ-साथ तरोताजा हो जाता है |

रूसी :

सिर में रूसी होने पर गुड को तोड़कर थोड़ा सा पानी मिलाकर आधा घंटा सिर में लगाकर सिर धोने से रुसी दूर हो जाती है |

मुत्राविरोध :

गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पीने से मूत्र संबंधी रोग दूर होते हैं |

रक्तपित्त :

आंवले का चूर्ण गुड़ में मिलाकर ताजा जल  के साथ 10 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है |

मधुमेह :

गुड और शहद संमभाग मिलाकर उसमें कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाकर सेवन करने से मूत्र में शक्कर की मात्रा कम हो जाती है |

वायु प्रकोप :

गुड़ और जीरा मिलाकर चबाए |

बिस्तर में मूत्र :

यदि बच्चा बिस्तर में मूत्र करता हो गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर एक लड्डू सुबह खिलाएं |

पेट में कीड़े :

गुड़ में नींबू मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं |

आधासीसी :

2 ग्राम गुड़ सूर्योदय से पूर्व तथा रात को सोते समय खाने से दर्द दूर हो जाता है |

घाव :

नाक छेदने पर यदि घाव हो गया हो तो  गुड़ का लेप लगाएं |

पाचक :

भोजन के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने पर भोजन शीघ्र पच जाता है |

अनिंद्रा :

यदि रात में नींद न आती हो तो थोड़ा सा दूध मलाई में मिलाकर खाले तथा ऊपर से पानी पी लें | कुछ ही देर में नींद आ जाएगी |

सूजन :

हररोज 50 ग्राम गुड़ खाने से सूजन पेट और आंतों की बीमारियों में लाभ होता है |

कुत्ते के काटने पर :

गुड में लाल मिर्च मिलाकर लेप बनाकर कटे हुए स्थान पर लगाने से कुत्ते के विष का प्रभाव उतर जाता है |

दमा :

गुड  व सरसो का तेल 15-15ग्राम मिलाकर खाने से दमा व सुखी खांसी  में राहत मिलती है |

खूनी दस्त :

बेलगिरी के चरणों में गुड मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ होता है |

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