गर्भपात के बाद कमजोरी कैसे दूर करें

नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? गर्भपात किसी भी महिला के लिए बहुत ही पीड़ादायक अनुभूति होती है। गर्भपात के बाद कमजोरी कैसे दूर करें? जब हमें पता चलता है कि हम मां बनने वाले हैं, तब हमारी खुशी सातों आसमानों पर होती है। लेकिन, अचानक से कुछ ना कुछ कारणों की वजह से अगर गर्भपात हो जाता है, तो हम और हमारा पूरा परिवार दुख में डूब जाते हैं। उसमें शारीरिक पीड़ा तो होती ही है, किंतु उससे ज्यादा मानसिक पीड़ा होती है। गर्भपात के बाद बहुत सारी महिलाएं जबरदस्त मानसिक बदलाव का सामना करती है।

इस मानसिक पीड़ा से उभरने के लिए महिलाओं को काफी वक्त लगता है। क्योंकि, उनकी उम्मीद उस बच्चे से जुड़ी हुई होती है; जो अब गर्भपात के बाद टूट गई होती हैं। ऐसे में पूरे परिवार ने उनका ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। आमतौर पर शारीरिक कमजोरी दवाइयों से कम हो जाती हैं। लेकिन, मानसिक कमजोरी कम होने में बहुत वक्त लगता है। ऐसे वक्त में उस महिला को अपने परिवार के साथ की उम्मीद होती है। इस शारीरिक पीड़ा को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं। तो आज इस ब्लॉग में जानेंगे, गर्भपात के बाद आनेवाली कमजोरी को कैसे दूर करें। 

गर्भपात के कारण

दोस्तों, गर्भपात के कई कारण हो सकते हैं। अर्ली मिसकैरेज एक कॉमन और आम बात हो गई है। हमारी बदली हुई जीवनशैली की वजह से हमारे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और कभी-कभी उसका पूरा असर हमारे गर्भाशय तथा हमारी प्रजनन क्षमता पर होता है। इस पर असर होने की वजह से हमारा गर्भ पोषित नहीं हो पाता है और हम मां बनने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाते हैं।

  1. थायरॉयड या मधुमेह- आजकल कई महिलाओं को थायराइड और मधुमेह की समस्या सताने लगी है। यह महिलाओं में आम बात हो गई है। उसकी वजह से उनके पीरियड्स रेगुलर नहीं हो पाते हैं और वह मां बनने में असफल रहती हैं। ऐसे में वह ट्रीटमेंट ले करके कंसीव कर सकती हैं । कंसीव करने के बाद भी यह समस्या कायम रहती है, तो इसका सीधा असर गर्भ पर होता है और गर्भपात हो जाता है।
  2. हार्मोन्स असंतुलन- थायरॉयड, पीसीओडी तथा पीसीओएस जैसी बीमारियों की वजह से हमारे हार्मोन्स में असंतुलन आ जाता है और उसकी वजह से भी गर्भपात हो सकता है। वैसे भी, पीसीओडी, पीसीओएस में कंसीव करना बहुत मुश्किल होता है। हार्मोंस में आई गड़बड़ी की वजह से भी आपका गर्भपात हो सकता है।
  3. गर्भ में समस्याएं- कभी-कभी गर्भ तथा गर्भाशय में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसकी वजह से गर्भपात हो सकता है। जैसे, गर्भ में ६-८ हफ्तों के बाद भी दिल की धड़कन ना आना, उसकी ठीक से ग्रोथ ना होना इन कारणों से भी गर्भपात हो सकता है।
  4. ब्लड क्लॉटिंग- कई बार गर्भाशय में गर्भ को मां की तरफ से ठीक तरह से ब्लड सप्लाई नहीं हो पाता है। ऐसे में आप का गर्भपात होना संभव हो सकता है। आपकी रोगप्रतिकारक क्षमता कम होने की वजह से भी आपका गर्भपात हो सकता है।
  5. नशे की लत- आजकल के मॉडर्न युग में कई महिलाएं शराब, धूम्रपान का सेवन करती है। कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी यह चीजें जारी रखती हैं। इसका सीधा असर आपके बच्चे पर होता है। इसी के चलते, आपका गर्भपात हो सकता है।

गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय

गर्भपात के बाद कमजोरी आना लाजमी है। गर्भधारणा के दौरान महिलाएं अलग-अलग तरह की औषधि, दवाइयां, इंजेक्शन लेती हैं। जिससे उनका पूरा शरीर सैक्रिफाइस होता है। इन इंजेक्शंस और दवाइयों का उनके शरीर पर साइड इफेक्ट भी हो सकता है। ऐसे में गर्भपात अगर होता है, तो सारी प्रक्रिया ही उल्टी हो जाती है और उनके हार्मोंस में भी गड़बड़ी आ जाती है। ऐसे में शारीरिक कमजोरी आना स्वाभाविक बात है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को शारीरिक पोषण की आवश्यकता तो होती ही है, लेकिन उनको मानसिक आधार की भी उतनी ही जरूरत होती है।

  1. आयरन युक्त पदार्थ- जैसा कि हम जानते हैं, गर्भपात के बाद हेवी ब्लीडिंग होती है। ऐसे में आपके शरीर की आयरन की मात्रा कम होने की संभावना रहती है। इसीलिए, आप आयरन युक्त पदार्थ खाएंगे तो आपके शरीर में आयरन की मात्रा बनी रहेगी और आप एनीमिया जैसी बीमारी से दूर रहेंगे। हरी सब्जियां, फल, सब्जियों के सूप, फलों के जूस, बीन्स, दाल, किशमिश, ड्राई फ्रूट्स, सोयाबीन, ब्राउन राइस आदि पोषण और आयरन से भरपूर पदार्थों का आप अपने आहार में रोजाना इस्तेमाल करें।
  2. कैल्शियम और प्रोटीन युक्त आहार- गर्भपात के बाद आपके शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा भी कम हो जाती है। ऐसे में आप कैल्शियम और प्रोटीन युक्त पदार्थों का अपने आहार में समावेश करें। जैसे, दूध और दूध के पदार्थ, पनीर, अंडे, सीफूड, हरी सब्जियां और सुके मेवे का इस्तेमाल करें।
  3. हाइड्रेटेड रहें- गर्भपात के बाद महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती है। ऐसे में उसको ठीक तरह से खाना नहीं जाता है। उसका भोजन ठीक तरह से ना होने की वजह से उसकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और वह और ज्यादा थका हुआ महसूस करती है। ऐसे में आप अपने शरीर की पानी की मात्रा कम ना होने दें। दिनभर में आप उचित मात्रा में पानी जरूर पीएं। पानी के साथ-साथ फलों के जूस या सब्जियों के सूप भी पी सकते हैं। जिससे आपके भोजन की कमी भी पूरी होगी, आपको न्यूट्रिशन भी मिलेगा और आप हाइड्रेटेड महसूस करेंगे।
  4. पर्याप्त आराम- गर्भपात के दौरान हमें बहुत सारी शारीरिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है। ऐसे में गर्भपात के बाद डॉक्टर आपको पर्याप्त मात्रा में आराम करने की सलाह देते हैं। क्योंकि, आपकी बॉडी को पूरी तरह से रिकवर होने में टाइम लगता है। इसी के कारण, आपको गर्भपात के कई दिनों बाद तक कोई भी एक्सरसाइज करने की मनाई होती हैं। पर्याप्त मात्रा में आराम करने से आपके पूरे शरीर की कार्यप्रणाली धीरे धीरे रूटीन में आ जाती है। इसी के चलते, आपको घरवाले भी काम करने से परहेज करते हैं और आराम करने को बोलते हैं।
  5. दवाइयां- गर्भपात के दौरान और उसके बाद कई दिनों तक हमें बॉडी में पेन महसूस होता है। इसीलिए, डॉक्टर आपको कुछ पेन किलर लिख कर देते हैं। यह पेन किलर माइल्ड होती हैं और इससे आपके गर्भाशय में होनेवाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इन पेन किलर को खाने के बाद भी अगर आपका दर्द ठीक ना हो रहा हो, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
  6. मानसिक आधार- गर्भपात के बाद महिला बहुत ही मानसिक तनाव में होती है। ऐसे में उसके पति और पूरे परिवार की यह जिम्मेदारी बनती है, की वह उसे सुरक्षित महसूस कराएं। उसका दर्द कम होने में उसकी मदद करें। जैसे संभव हो पाए, वैसे आप उसकी मदद कर सकते हैं। उसको यह विश्वास दिलाएं कि वह मां बन सकती हैं। उससे बात करते रहे, उसे अकेला महसूस ना होने दें। ऐसे में वह अपने शारीरिक तथा मानसिक तनाव से जल्दी ऊबर पाएगी।
गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय
गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय

दोस्तों, गर्भपात के बाद जो नुकसान होता है; उसकी तीव्रता सिर्फ एक महिला ही जान सकती है। मैं भी एक महिला हूं। अगर मेरे साथ ऐसा हुआ तो मैं सोच सकती हूं, कि उससे कितनी पीड़ा होगी। ऐसे में आप गर्भपात के बाद अपनी पत्नी या अपनी बहू, बेटी का अच्छे से ख्याल रखें और उसको इस दर्द से उबरने के लिए मदद करें। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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