नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? दोस्तों आजकल दांतों की समस्या छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक बढ़ती जा रही है। हम अपनी ओरल हाइजीन को मेंटेन नहीं रखते हैं। इसीलिए, हमें दातों की परेशानी का सामना करना पड़ता है। दांतों में कैविटी होना, मसूड़ों की तकलीफ, दांतों में झनझनाहट महसूस होना, दांत हिलना आदि समस्याओं का हम आमतौर पर सामना करते हैं। यह समस्याएं सुनने में बहुत ही सामान्य सी लगती हैं, लेकिन इनका वक्त पर इलाज न किया जाए; तो यह गंभीर रूप धारण करती है। दांत हिलना हमारे देश की सबसे आम और सबसे ज्यादा पाई जानेवाली दांतों की समस्याओं में से एक है।
खाना चबाते वक्त हमारे दांत एक सीमित मर्यादा तक हिलते हैं, वह एक सामान्य क्रिया होती हैं। लेकिन, दांत सामान्य से अधिक गति से हिलने लगे, तो यह परेशानी उत्पन्न कर सकता है। दांत ढीले होना “पीरियोडोंटिटिस” नाम की समस्या के कारण होता है। यह एक तरह का संक्रमण होता है। इस वजह से कुछ लोगो में मसूड़े धीरे धीरे विकसित होते हैं, मसूड़ों में लंबे समय तक रहनेवाली समस्याएं हो सकती हैं। इस संक्रमण से आपके दातों के आसपास के टिशु ढीले हो जाते हैं और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। दांत ढीले हो जाने की वजह से वह हिलने लगते हैं और उस वजह से हम खाना ठीक से खा नहीं पाते हैं। तो दोस्तों, आज जानेंगे दांत हिलने पर कुछ घरेलू उपाय।
दांत हिलने के कारण
दांत हिलने के अलग अलग कारण हो सकते हैं।
- सूजन- अगर आपके दांतों और मसूड़ों में सूजन आ गई हो और यह सूजन आपके दातों की जड़ों तक पहुंच गई हो, तो ऐसी स्थिति में आपके दांत हिल सकते हैं। अगर आपके मसूड़ों में भी लंबे समय तक सूजन रही हो, तो ऐसे में पेरिडोंटल टिशूज डैमेज हो जाते हैं और उस वजह से भी दांत हिल सकते हैं।
- हड्डी डैमेज होना- हमारे दांतो के आसपास सहारा देनेवाली हड्डियां अगर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो उस वजह से भी दांत हिल सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में यह समस्या कितनी गंभीर है, यह हड्डियों के क्षतिग्रस्त होने के गंभीरता के ऊपर निर्भर होता है। इसी के साथ, अगर किसी मरीज के टेढ़े मेढ़े दांतो को सीधा करने का ट्रीटमेंट चल रहा हो; तो ऐसे में दांतों की जड़ों की ध्यानपूर्वक जांच होनी चाहिए। क्योंकि, हड्डियों को थोड़ी सी भी क्षति पहुंचती है; तो उसका सीधा असर दातों पर होता है।
- गर्भावस्था- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान दांत हिलने की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। इसी के साथ, महिलाओं में मासिक चक्र में और जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनमें भी दांत हिलने की समस्या हो सकती है।
- प्लाक जमा होना- दांतों के पास प्लाक जमा हो जाने की वजह से मसूड़ों में सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है और उस वजह से दांत हिलने लगते हैं। इसी के साथ, दातों के पेरीडोंटल हिस्से में बैक्टीरिया अधिक बढ़ जाते हैं; उस वजह से दांत हिल सकते हैं।
- डायबिटीज- दोस्तों, डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो आपके शरीर के सारे हिस्सों को प्रभावित करती है। अगर आपकी डायबिटीज नियंत्रित नहीं रहती हैं, तो ऐसे में आपको दातों की समस्या हो जाती है और दांत हिलने लगते हैं। अध्ययन के अनुसार, यह भी पाया गया है कि अगर आपकी डायबिटीज कंट्रोल में आ जाती है; तो यह दांतों की समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती हैं।
दांत हिलने के लक्षण
खाना खाते वक्त दांत एक सीमित मर्यादा तक हिलते हैं। लेकिन, अगर यह ज्यादा मात्रा में हिलते हैं, तो इसके लक्षणों पर आपको ध्यान देना जरूरी है।
- खाना खाने में कठिनाई महसूस होना।
- प्रभावित दांत बाहर की तरफ या अंदर की तरफ झुक जाना और असामान्य दिखाई देना।
- लंबे समय तक मसूड़ों में सूजन और लालिमा रहना।
- प्रभावित दांत के आसपास के मसूड़े फूलना और उनकी दांतों के ऊपर की पकड़ ढीली होना।
दांत हिलने के घरेलू उपाय
ऐसे कई घरेलू नुस्खे हैं, जिनका उपयोग करके आप दांत हिलने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। यह काफी आसान और सुरक्षित उपाय हैं।
- नींबू- आधे नींबू को एक गिलास पानी में निचोड़ लें और उसका अच्छे से घोल बना लें। इस पानी से आप गरारे करें। नींबू दातों पर जमी प्लाक को हटाने में मदद करता है और बैक्टीरिया से भी लड़ता है, जो दांतों की पकड़ को ढीला करते हैं। नींबू दांत हिलने की समस्या के ऊपर भी काम करता है।
- सरसो का तेल- लगभग २-३ बूंद सरसों का तेल लें और उसमें चुटकीभर नमक डाल ले। इस मिश्रण को अच्छे से मिला ले और उसका अपने मसूड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करें। उसके बाद ठंडे पानी से कुल्ला करें। नमक और सरसों का तेल दातों की पकड़ मजबूत करने में कारगर साबित होता है। इससे दांत हिलने की समस्या से निजात पा सकते हैं।
- लौंग का तेल- पुराने जमाने से लौंग के तेल का इस्तेमाल दातों की समस्याओं के ऊपर करते आ रहे हैं। लौंग के तेल में एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं। लौंग के तेल से अपने दांतो और मसूड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करें। उसके बाद पानी से कुल्ला करें। लौंग का तेल आपकी दांतों की पकड़ को मजबूत करता है, मसूड़ों में सूजन को कम करता है और उसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व होने की वजह से बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद करता है।
- फिटकरी- फिटकरी को अच्छे से भून लें। सेंधा नमक और फिटकरी अच्छे से पीस लें। इस मिश्रण का अपने दांतो और मसूड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करें। उसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। इसका उपयोग रोजाना सुबह, हफ्तेभर के लिए करे। फिटकरी में एंटीमाइक्रोबियल्स गुण पाए जाते हैं। जिसकी वजह से वह दातों के संक्रमण को रोकने में मदद करती हैं। इस मिश्रण के उपयोग से आपके दातों का दर्द, मसूड़ों में सूजन कम होने लगता है। इसी के साथ, ढीले पड़े दांत मजबूत होने में मदद मिलती है।
- हल्दी और काली मिर्च- हल्दी का पाउडर और काली मिर्च का पाउडर समान मात्रा में लें और उनको अच्छे से मिक्स कर ले। इस मिश्रण को रोजाना अपने दांतो तथा मसूड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। बाद में पानी से कुल्ला कर लें। हल्दी और काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे दांतो का दर्द, मसूड़ों में सूजन कम होता है। इस मिश्रण के इस्तेमाल से हमारे दांत और मसूड़ों को मजबूती प्रदान होती है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। रोजाना खाना खाने के बाद अपने मुंह को अच्छे से धो ले, अच्छे से कुल्ला करें। जिससे कोई भी गंदगी आपके दातों में जमा ना रहे। रात को सोने से पहले ब्रश करें। दिन में दो बार ब्रश करने से हमारे दांत मजबूत रहते हैं। रात में ब्रश करने से दातों में बैक्टीरिया जमा नहीं होते हैं, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा टाल सकते हैं। इन छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें और अपनी ओरल हाइजीन मेंटेन रखें। उम्मीद है, आपको आज का यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।