चूने से हर कोई परिचित है इसलिए आज हम आपको चूना के घरेलू उपयोग क्या है और इसको कैसे इस्तमाल करते है ? चुना का अधिकतर उपयोग सुबह घरों की पुताई के लिए किया जाता है, इसे पान व तंबाखू में मिलाकर भी खाया जाता है | इसे पानी में बुझाकर जब प्रयोग में लिया जाता है तो वह बुझा हुआ चूना कहलाता है| चूने में कैल्शियम पाया जाता है | चूने का प्रयोग घरेलू औषधियों के रूप में भी किया जाता है |
चुना से आयुर्वेदिक इलाज : Lime Powder Ayurvedic Remedies in Hindi :
मोच आनेपर चुना का इस्तमाल :
शहद और चूना और प्याज तीनों को एक साथ पीसकर उसे गर्म कर लेप करने से सूजन व दर्द में लाभ मिलता है |
दिल की धड़कन की कमजोरी दूर करेगा चुना :
यदि दिल की धड़कन कमजोर पड़ गई हो तो एक और औंस चुने का पानी थोड़ी थोड़ी देर में पिलाने से लाभ होता है |
आग से जलने पर लगाये इसे :
चुने का पानी तथा नारियल का तेल एक सामान मात्र में मिलाकर अच्छी तरह देख ले इस मलहम को शीशी में भर लें |आग जल जाने पर इस मलहम को लगाने से जलन दूर होती है|
दस्त की समस्या पर चुने का इस्तमाल :
छोटे बच्चों को हरे पीले दस्त होने पर पांच बूंद चूने का पानी जरा सा सादा पानी में मिलाकर देने से लाभ होता है | यदि बच्चा 6 महीने से बड़ा हो तो 10 बूंद तथा 1 वर्ष से बड़ा हो तो 20 बूंद पानी में डालकर मिलाएं |
हैजा पर नियंत्रित करने के लिए :
30 ग्राम चुने का पानी 15 मिनट के अंतराल से रोगी को बार बार पिलाने से हैजा पर नियंत्रण किया जा सकता है |
सूखा रोग दूर करने के लिए चुना का इस्तमाल :
चूने के पानी में दो गुनी शक्कर मिलाकर इसका शरबत बनाकर इसके 4 से 20 बुँदे तक की मात्रा में 3 दिन में 3 बार दूध के साथ मिलाकर पिलाने से बच्चों को सूखा रोग दूर होता है |
कान बहनेपर चुना की पिचकारी का इस्तमाल :
यदि बच्चे का कान बहता हो तो चूने के पानी की पिचकारी देने से लाभ होता है |
पेट के कीड़े हो जाएँगे ख़तम :
यदि बच्चों के पेट में कीड़े पड़ गए हो तो मल द्वारा में चुने के पानी की पिचकारी देने से चुनने मर जाते हैं |
खूनी बवासीर में चुना है फायदेमंद :
चुने का पानी 1-1 औंस दिन में चार बार सादा पानी में मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में रक्त गिरना बंद हो जाता है |
सूजन या चोट पर लगाना चाहिए :
चूना व हल्दी एक सामान मात्रा होकर पिछले सूजन या चोट पर इसका लेप लगाने से क्या लाभ होता है |