हैजा (कॉलरा)

अंग्रेजी में हैजा को कॉलरा तथा संकृत में इसे संकृत में विषूचिका और आम बोलचाल की भाषा में ‘ कै-दस्त ‘ या ‘ उल्टी-दस्त ‘कहते है |
हैजा क्या है?
हैजा अंत्यत खतरनाक बिमारी है | गर्मी की ऋतू में फ़ैलने वाला बडा भायनक रोग है .
जरा सी असावधानी में प्राणो से हाथ धोना पड जाता है | बच्चे , प्रोढ सब इसके शिकार होते है |
अजीर्ण के रोगी अकसर हैजा के शिकार बनते देखे जाते है , यांनी यह हैजा का प्रारंभिक लक्षण है |
अल्प समय में ही यह विकराल रूप धारण कर लेता है |
कॉलरा के लक्षण :
निम्म लक्षण दिखाई पडते है –
- बार -बार वमन और मितली होना
- चेहरा विवर्ण और मलिन हो जाना |
- शरीर का उपर का भाग ठंडा पड जाना |
- आंखो का गडढो में धस जाना |
- शरीर में पानी की कमी होना |
- सिरदर्द तथा शरीर में ऐंठन होना |
- पहले पतले-पिले दस्त ,फिर चावल के धोवन के समान सफेत दस्त |
- तीव्र प्यास लगना |
- मूत्र त्याग बंद होने पर जब तक मूत्र पुन्हा चालू न हो जाए ,तब तक यह समजे की अभी खतरा टला नही है |
हैजा के कारण
: हैजा कैई करणो हो जाता होता है
- गंदे और दूषित वातावण में रहने का कारण |
- दूषित जल आदी पिने के कारण |
- अजीर्ण रोग होणे का कारण |
- खान-पान एवं जीवनयान में असंयम के कारण |
- धूप में अधिक रहने के कारण |
- जरुरत से ज्यादा भोजन करने के कारण |
- दूषित फल ,कटे फल तथा बासी भोजन से |
हैजा से बचाव
इसके लिए निम्म तरीके काम में लाए –
- रात्री देर तक ना जागे |
- भोजन कम मात्रा में करें |
- स्वच्छ हवादार वातावरण में रहे |
- घर सर खूब पानी पीकर जाए |
- पानी स्वच्छ तथा उबलकर पिए |
- कब्ज और अजीर्ण न होने दे |
- हैजे के रोगी का पाखाना एक फुट गहरे गडढे में दबा देना चहिए |
- खुले में रखी मिठाईया तथा भोज्य पदार्थ न खाए |
हैजा का उपचार
इलाज : निम्म इलाज काम में लाकर रोकधाम करे-
- ओ.आर. एस . का घोल बराबर पिलाते रहे |
- हैजा के रोगी को आधा कप की मात्रा में प्याज का अर्क निकालर काली मिर्च पावडर मिलाकर पिलाए |
- रोगी को आधा कप गुलाब जल में स्वच्छ निम्बू निचोडकर तथा थोडी मिश्री मिलाकर तीन-तीन घंटे बाद पिलाए |
- आधा कप करेला के रस में बराबर मात्रा पानी मिलाकर काला नमक डाले ,फिर तीन तीन घंटे बाद पिलाए |
- एक ग्राम तथा एक ग्राम हिंग एव दो हरी मिर्च पिसकर गोळी बना ले ,दिन में तीन चार बार उबले ठंडे पानी सें सेवन कारे |
- उल्टी-दस्त न रुक रहे तो आधा कप पोदीने के रस में बराबर प्याज का रस मिलाकर थोडे-थोडे अंतराल पर पिलाए |
- अजवाइन का सत्व तथा पुदीने का रस – दोनो दो चम्मच की मात्रा में रोगी को पिलाए |
- इन सब उपचार से रोगी को फायदा न दिखे और उल्टी -दस्त न रुके तो तरुंत अस्पताल या डॉक्टर के पास ले जाए ,इससे विलंब न करें |