चौलाई के फायदे

चौलाई बारहमासी भाजी है | मेथी और पालक के समान चौलाई भी एक पत्तेदार साग है | अधिककांश घरों में इसकी सब्जी बनाई जाती है , परंतु इसका रस ज्यादा लाभदायक होता है | इसका प्रयोग सब्जी बनाने में अधिक किया जाता है
चौलाई के साग की सबसे बड़ी विशेषता यह है की इसका प्रयोग करते रहने से आदमी असमय बुढ़ापे के आक्रमण से बचा रहता है |यह पित्त-कफनाशक एव खाँसी में उपयोगी है |
गाठिया व् रक्तचाप के रोगी को चौलाई का रस और साग का सेवन करने से लाभ होता है | बवासीर , बलगम निकालने और गर्मी को शांत करने के लिए चौलाई का साग रोज खाना चाहिए |चौलाई का साग विष के प्रभाव को दूर करता है |
चौलाई के फायदे घरेलू नुख्से :
बच्चो का विकास :
जन्म के १५ दिन बाद बच्चो को चौलाई का साग आधा चम्मच और उसमे शहद मिलाकर देने से बच्चो का विकास सही ढंग से होने लगता है |
पीलिया :
चौलाई के पत्ते का रस या सूप पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है |
विषनाशक :
यदि भूलवश कोई विष खा ले तो एक गिलास चौलाई का रस पीने से विष का प्रभाव नष्ट होता है |
मूत्र विकार :
चौलाई मूत्र विकारों को नाश करती है , और मूत्र की मात्रा भी बढ़ती है |
मुंह के छाले :
चौलाई का साग बनाकर खाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है |
बुढ़ापा :
चौलाई के साग का प्रयोग करते रहने से असमय बुढ़ापा नही आता |
कब्ज :
चौलाई की सब्जी हररोज खाने से कब्ज नाश होता है |
प्रदर रोग :
चौलाई के पौधे की जड़ को पानी में घिसकर व छानकर सुबह-शाम पीने श्वेत प्रदर रोग में लाभ होता है |
पागल कुत्ते के काटने पर :
चौलाई की जड़ को पीसकर पानी के साथ पिलाने से तथा कुत्ते के काटे स्थान पर चौलाई की जड़ का चूर्ण लेप करने से पागल कुत्ते के काटे हुए रोगी को लाभ होता है |