चिकन पॉक्स / Chicken Pox या छोटी माता का इलाज
चिकन पॉक्स का आयुर्वेदिक उपचार चिकन पॉक्स के दाग हटाने के उपाय चिकनपॉक्स में क्या खाना चाहिए के बारेमे आज हम आपको बताएँगे.
चिकन पॉक्स का इलाज

बच्चो की यह आम बिमारी है | यह एक वायरस से फैलने वाली बिमारी है | सामान्यत: सर्दिया और वसंत ऋतू में इसका प्रकोप ज्यादा होता है |
यह कम आयु के बच्चो को अपना शिकार बनाती है | एक बच्चे के होणे के बाद अन्य बच्चो में फैलने का अंदेशा बराबर बना रहता है |
चिकन पॉक्स के लक्षण :
इस बिमारी में बच्चे का चेहरा लाल हो जाता है ,चेहरे पर जल भरे फफोले से उठते है , फिर उनमे खुरट पड जाते है , तब वे ताँवई-काले पड जाते है | इसमें बच्चे को बुखार बराबर बना रहता है |
बुखार के कारण शिशु को सिरदर्द भी रहता है | यह बिमारी एक बच्चे से निकट संपर्क में आने वाले अन्य बच्चो में फैल जाती है |
बच्च १४ से २१ दिन तक इससे पिडीत रहता है | फुंसिया जैसे उभार लगभग एक सप्ताह तक बने रहते है |
खुरंट उतरने पर काले धब्बे के रूप में त्वचा पर निशान रह जाते है | हालाकी यह गंभीर नही है ,लेकीन बच्चा इससे काफी कमजोरी महसूस करता है |
चिकन पॉक्स का उपचार :
बचपन में बच्चे को चेचक का टीका अवश्य लगवाना चहिए | बडे होणे पर भी यह टीका लगवाया जा सकता है |
- इस दौरान बच्चो को सुती कपडे पहनाए और धूप तथा हवा ,धूल -मिट्टी में घुमने ना दे |
- रोगी बच्चो की साफ-सफाई तथा पर्याप्त देखभाल करनी चहिए |
- खुजली से बचने के लिए कोई रोगाणुरोधक क्रीम लगाई जा सकती है |
- बच्चे को इन छोटी-छोटी फुंसियो को खुजाने न दे , बल्की स्वय कोई साफ कपडा लेकर आहिस्ता-आहिस्ता सहला दे |
- बच्चो के हाथ साबून से दो -तीन बार अवश्य धोने चहिए |
- सबसे बडी बात यह है कि इस दौरान बिलकुल घबराना नही चहिए |
- इस दौरान बच्चे को गिलोय का रस शहद में मिलाकर सुबह-शाम पिलाते या चटाते रहे |
- तुलसी दल ,गीलोय तथा अदरक का रस बराबर मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर दो चम्मच की मात्रा में बच्चे को सुबह शाम पिला सकते है|
- इसमें बच्चे के लिए कोई दवाई खिलाने की आवश्यकता नही होती ,खुरंट पडते ही बच्चे का बुखार भी उतर जाता है |