ऑईल पुलिंग के फायदे और नुकसान

नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? आज का हमारा विषय है ऑईल पुलिंग के फायदे और नुकसान, हमारा मौखिक स्वास्थ्य हमारे पूरे ही शरीर के स्वास्थ्य को दर्शाता है। ओरल हाइजीन बनाए रखने के लिए हम दिन में दो बार ब्रश करते हैं, दातों की सफाई करते हैं, गरारे करते हैं। कई लोग दांतों की सफाई के बारे में ज्यादा सतर्क होने के कारण वह साल में दो बार डेंटिस्ट की सलाह लेते हैं और अपने दांतों का चेकअप करवा लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार भी दातों की सफाई की जा सकती हैं? जी हां! “ऑयल पुलिंग” एक ऐसी आयुर्वेदिक पद्धति हैं; जिसका उपयोग करके आप मौखिक स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं। मसूड़ों से संबंधित समस्याएं, दातों से संबंधित समस्याएं, मुंह से बदबू आना आदि समस्याओं के लिए ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। 

आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग के दो प्रकार बताए गए हैं। एक कवलग्रह और दूसरा कवल गंडुशा। पहला प्रकार कवल ग्रह में मुंह में तेल को पूरी तरीके से भरा नहीं जाता है। वही, दूसरे प्रकार कवल गंडूषा में मुंह को पूरी तरीके से तेल को भरा जाता है और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ाया जाता है। इन दोनों प्रकारों का उल्लेख प्राचीन चरक संहिता में मिलता है। ऑयल पुलिंग के लिए नारियल का तेल, सनफ्लावर ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। ऑयल पुलिंग करने से ना सिर्फ मौखिक स्वास्थ्य  बढ़ाया जाता है; बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। तो दोस्तों, जानते हैं ऑयल पुलिंग के फायदे और नुकसान के बारे में।

ऑयल पुलिंग करने का तरीका-

 आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश बताए गए हैं। उनके अनुसार अगर ऑयल पुलिंग किया जाए, तो इससे शरीर को काफी फायदा देखने को मिलते हैं। ऑयल पुलिंग के बेहतर परिणाम के लिए, सुबह जल्दी उठकर खाली पेट ऑयल पुलिंग करना चाहिए।

१) सुबह जल्दी उठकर खाली पेट आराम से बैठ जाए और अपनी ठोड़ी को ऊपर करे।

२) एक बड़ा चम्मच नारियल या सूरजमुखी का तेल अपने मुंह में ले।

३) अपने मुंह में चारों तरफ इस तेल को १० मिनट तक घूमाए।

४) १०१५ मिनट के बाद जब तेल सफेद या दूधिया हो जाए, तो उसे बाहर थूक दे।

५) ध्यान रहे, इस तेल को आपको निगलना नहीं है। क्योंकि, इसमें बैक्टीरिया तथा विषैले पदार्थ होते हैं; जिनसे आपके शरीर को हानि पहुंच सकती है।

६) अब आप गर्म या सादे पानी से कुल्ला कर ले। उसके बाद अच्छे से ब्रश कर ले। बेहतर परिणाम के लिए, आप दिन में तीन बार इसका प्रयोग कर सकते हैं। ५ साल से कम उम्र के बच्चों को इस प्रयोग से बचना चाहिए।

ऑयल पुलिंग के फायदे

ओरल हाइजीन मेंटेन रखने के साथ-साथ, पूरे शरीर का स्वास्थ्य मेंटेन रखने के लिए ऑयल पुलिंग के कई फायदे देखने को मिलते हैं।

१) सांस की बदबू-

ओरल हाइजीन मेंटेन ना रखने से सांस की बदबू आना एक आम समस्या हो गई है। लेकिन यह समस्या लोगों से बातें करते समय हमें काफी असहज महसूस कराती है। खाने के बाद मुंह को ठीक से साफ ना करने से मुंह में बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं; जो सांस की बदबू को बढ़ाते हैं। सांस की बदबू की समस्या मिटाने के लिए आप ऑयल पुलिंग का प्रयोग कर सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, यह ऑयल पुलिंग करने से यह समस्या मिट जाती हैं। क्योंकि, यह बैक्टीरिया के ऊपर क्लोरहेक्सिडीन जितना प्रभावी होता है।

२) कैविटी- 

मुंह में पल रहे बैक्टीरिया दातों पर प्लाक जमा करते हैं और यही प्लाक कैविटी का कारण बनते हैं। ऑयल पुलिंग के दौरान इस्तेमाल होने वाले नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल इनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज होते हैं। ऑयल पुलिंग करने से दांतों से प्लाक हट जाते हैं। इसी कारण, दांतों की सड़न, कैविटी की समस्याएं भी काफी हद तक नियंत्रित हो जाती है।

३) मसूड़ों की सूजन-

मसूड़ों की सूजन होने से हमें खाना चबाने मे दिक्कत होती हैं और इससे दांत भी प्रभावित होते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप नारियल तेल या सूरजमुखी के तेल से ऑयल पुलिंग का प्रयोग कर सकते हैं। इन तेलों में एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं; जो मसूड़ों पर योग्य रीति से कार्य करते हैं और उनकी सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसी के साथ, मसूड़ों की स्वस्थता बनाए रखने के लिए भी आप ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

४) दांत का दर्द-

दांत में दर्द होने के कई कारण होते हैं। जैसे; मसूड़ों की सूजन, कैविटी, दांतों पर प्लाक जमा होना, दांतों की सड़न आदि कारणों से दातों में दर्द होता है। दांतो के दर्द को कम करने के लिए ऑयल पुलिंग एक बेहतरीन उपाय साबित होता है। ऑयल पुलिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबॉयल तत्व पाए जाते हैं। यह तत्व बैक्टीरिया से लड़ते हैं। इन तत्वों से दातों पर जमे प्लाक, मसूड़ों की सूजन दूर होती है तथा दांतों की अन्य समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।

५) त्वचा की देखभाल-

ऑयल पुलिंग सिर्फ मौखिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं उपयोग में लाया जाता है; बल्कि इसके शरीर को कई अन्य लाभ मिलते हैं। ऑयल पुलिंग की प्रक्रिया त्वचा की देखभाल करने के लिए भी प्रयोग में ला सकते हैं। ऑयल पुलिंग में इस्तेमाल किए गए तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन ई की मात्रा पाई जाती हैं। यह तत्व हमारी त्वचा की सफाई के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इसी के साथ, ऑयल पुलिंग करने से त्वचा को पोषण मिलता है, त्वचा से गंदगी साफ होती हैं और त्वचा चमकदार बनती है।

६) अन्य फायदे-

रोजाना तौर पर ऑयल पुलिंग करने से एजिंग की समस्या कम हो जाती हैं और हम जवान दिखने लगते हैं। मधुमेह, अस्थमा जैसे विकारों के लिए भी ऑयल पुलिंग काफी फायदेमंद होता है। यह मुंह का स्वाद बढ़ाने में और कमजोर दृष्टि में सुधार लाने के लिए भी उपयुक्त होता है। आयुर्वेद के अनुसार, ऑयल पुलिंग करने से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं और शरीर को नुकसानदायक बैक्टीरिया से भी छुटकारा मिलता है। इसीलिए, ऑयल पुलिंग करने से शरीर को कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे मिलते हैं।

ऑयल पुलिंग के नुकसान-

ऑयल पुलिंग के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं।

१) ऑयल पुलिंग निमोनिया का भी कारण बन सकता है।

२) ऑयल पुलिंग के दौरान इस्तेमाल होने वाले तेलों की वजह से कई लोगों को एलर्जी होती है। ऐसे में अगर आप उन तेलों का उपयोग करके ऑयल पुलिंग करते हैं; तो कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

३) ऑयल पुलिंग करते समय तेल को निगलना नहीं चाहिए। क्योंकि, उसमें हानिकारक बैक्टीरिया तथा टॉक्सिंस होते हैं।

४) ५ साल से कम उम्र के बच्चों को ऑयल पुलिंग नहीं कराना चाहिए। क्योंकि, नादानी में वह तेल निकल सकते हैं; जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है।

५) ज्यादा देर तक ऑयल पुलिंग करने से जबड़े में अकड़न महसूस होती है।

६) ऑयल पुलिंग के दौरान नारियल का तेल इस्तेमाल करने वाले लोगों को हैंगओवर जैसी सनसनी महसूस होती है।

तो दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही। उम्मीद है, आपको आज का ऑईल पुलिंग के फायदे और नुकसान यह ब्लॉग अच्छा लगा हो। धन्यवाद।

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