बथुआ खाने के फायदे

बथुआ पाचक तथा कब्ज दूर करना वाला होता है तथा गर्मी में इसका प्रयोग लाभदायक है | बथुआ का साग पेट साफ़ करता है | बथुए की तासीर गरम होती है | सर्दियों में बथुए का प्रयोग करने से शरीर में गर्मी बनी रहती है |
इसमें केरोटिन तथा विटामिन ‘सी ‘ पाए जाते है | साथ ही इसमें आयरन ,सोना , पारा आदि कुछ क्षार तत्व पाए जाते है |बथुए में एक प्रकार का प्राकृतिक लवण होता है | किसी भी रूप में इसका प्रयोग करने से शरीर में लवणों की कमी नही होता | बथुए का प्रयोग चर्म रोगों में भी लाभ पहुचता है |
घरेलू उपचार :
बथुआ के गुण क्या है जानते है :
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जल जाने पर :
इसके पत्तो को पीसकर जले हुए स्थान पर लेप करने से जलन शांत हो जाते है |
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सफेद दाग :
बथुआ का रस दिन में ४-५ बार सफेद दागों पर लगाने से तथा साथ ही बथुए की सब्जी नियमित रूप से खाने से २-३ माह में सफेद दाग दूर हो जाते है |
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कब्ज :
कुछ सप्ताह तक नित्य बथुआ की सब्जी खाने से पुराना कब्ज भी दूर हो जाता है |
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पथरी :
बथुए के रस में शक्कर मिलाकर हररोज पीने से गुर्दे की पथरी दूर हो जाती है |
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नेत्ररोग :
हर रोज बथुआ का साग खाने से आँखों की सुजन , लाली तथा आँखों से पानी आना आदि रोग दूर होते है |
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मासिक धर्म का बंद होना :
मासिक धर्म खुलकर न आता हो या रुका हुआ हो तो बथुआ के बीज पानी में उबालकर , छानकर पीने से लाभ होता है |
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पेट के कीड़े :
बथुए के रस में हल्का सा नमक डालकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते है |
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चर्मरोग :
बथुए के रस में तेल का तिल मिलाकर उबाले व पानी को जल जाने दे | इस तेल का चर्म रोगों पर लगाने से धीरे-धीरे लाभ होता है |
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जुए :
बथुए को उबालकर इसके पानी से सिर धोने से जुए , लीखे तथा बालों की खुश्की दूर हो जाती है |
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मूत्रवरोध :
नियमित रूप से बथुए का रस पीने से मूत्राशय के रोग खत्म होते है , और मूत्र खुलकर आने लगता है |
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बवासीर :
बथुए का रस या साग का सेवन करने से बवासीर के रोगी को लाभ मिलता है |