बैंगन के फायदे हिंदी में जानकारी

बैंगन के फायदे

बैंगन के फायदे
बैंगन के फायदे

बैंगन बहुत ही गुणकारी सब्जी है | बैंगन के मौसम में लंबी बैंगन की सब्जी खाते रहने से पेट की गैस शांत होती है | बैंगन के प्रयोग से शरीर को शक्ति मिलती है तथा मल त्याग में सरलता रहती है |
बैंगन की तासीर गरम और खुशक होती है | किसी भी ज्वर में बैंगन खाना हानिकारक होता है | इसके सेवन से पेट के कैंसर की रोकथाम होती है |

इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है |बैंगन के सेवन करने से पथरी रोग ठीक हो जाता है |अधिक बैंगन खाने से दस्त लग जाते है |गरम प्रकृति का होने के कारण बवासीर के रोगियों को अधिक बैंगन नही खाने चाहिए |

बैंगन के आयुर्वेदिक उपाचार :

  • चोट का दर्द :
    ५० ग्रांम बैंगन के रस में १० ग्राम गुड मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से ८-१० दिन में चोट का दर्द ठीक हो जाता है |
  • बवासीर :
    बैंगन को पीसकर गुदा पर करने से मस्सो का दर्द कम हो जाता है तथा बैंगन को जलाकर इसकी राख शहद में मिलकर लेप लगाने से मस्से सुखकर गिर जाते है |
  • कान का दर्द :
    बैंगन के टुकडों को आंच पर डालकर उसका धुआ कान में देने से कान के कीटाणु मर जाते है | बाद में हाइड्रोजन परक्साइड से कान की सफाई कर दे |
  • पसीना :
    हथेली या तलावो में पसीना आता हो तो बैंगन का रस मलने से लाभ होता है |
  • पथरी :
    बैंगन की सब्जी खाने से यदि पथरी प्रारंभिक अवस्था में है तो ठीक हो जाती है |
  • उंगलियों की सुजन :
    यदि उंगलियों के सिरे सूज जाते है तो छोटे बैंगन को आग में भुनकर उसका गरम गूदा ऊँगली पर बांधने से लाभ होता है |
  • अनिद्रा ;
    भोजन में ज्यादा मात्रा में बैंगन का सेवन करने से अनिद्रा रोग से निजात मिल जाती है |
  • पसली चलना :
    बच्चो को छोटे-छोटे बैंगनो की माला पहनाने अथवा बैंगन को भुनकर उसमे सज्जीखार मिलाकर पेट के उपर रखकर पट्टी बांधने से लाभ होता है |
  • तिल्ली बढना:
    जिगर या तिल्ली बढने पर नित्य बैंगन की सब्जी खाने से लाभ होता है |
  • नाडुआ पकना :
    प्रसर के बाद बच्चे का नाडुआ पक जाए या सूज जाए तो गोल बैंगन को भुनकर उसमे दही मिलाकर नाडुआ के उपर रखकर पट्टी बाँध दे | एक सप्ताह में आराम आ जाएगा |

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