Asthma Treatment in Ayurveda in hindi

आज हम आपको asthma treatment in ayurveda in hindi की जानकारी हिंदी में देनेवाले है. अस्थमा एक काफी भयानक बीमारी है जिसके कारन हमें सांस लेने में दिक्कत आती है.

Asthma treatment in hindi

Asthma Treatment hindi
Asthma Treatment hindi

दमा रोग :

  • Asthma के रोगियों में इस बिमारी की एकदम से उत्पन्न नहीं होती है|
  • जब मनुष्य जन्म लेता है, उसके रक्त में कुछ ऐसे कण होते है, जो बाहरी वातावरण से संक्रमण से फूलते है|
  • कई लोगो में तो इनके लक्षण बचपन में ही प्रगट हो जाते है और कई लोगो में १७-१८ वर्ष की उम्र के बाद या फिर ३५-३६ वर्ष उम्र के बाद|

अस्थमा के कारण:

  • रोगी की नाड़ियो में सुजन हो जाती है, और सुजन के कारण नाडीया तंग हूँ जाती है, इसका प्रमुख कारण होता है एलर्जी|
  • वातावरण की धुल मिटटी में विशेष प्रकार की कीड़े होते है,
  • हमारी श्वास द्वारे इनके अन्दर चले जाने का कारण यह एलर्जी पैदा होती है|
  • मादा कोक्रोचो के पंख , फूलो के परागकणों का हवा में उड़ना , अनाज के डस्ट , फंगस का सुखकर उड़ना आदि में इसे कण है जो हमारी आँखों को नजर नहीं आते|

अस्थमा के लक्षण:

दोस्तों अस्थमा के रोग में जल्दी साँस चढ़ जाति है ,रात के समय अधिक साँस चढती है | Asthma के रोगी को हर समय खाँसी आती रहती है|

दमा का कारण एक और भी है ,जो बीडी -सिगरेट तथा चरस -गांजा आदि का नशा करते है ,उनकी साँस की नडीयाँ संकुचित हो जाती है.
तथा धुए के कारण फेकड़ो में फंगस जम जाती है ,जिससे फेकड़ो के छिद्रे बंद हो जाते है |

इस तरह वे भी Asthma के रोगी बन जाते है |

Asthma treatment in ayurveda :

Asthma का उपचार जरुरी है , अन्यथा इसके कारण उच्च रक्तचाप, हृदयघात , मानसिक कमजोरी इत्यादि रोग भी घर कर लेते है|

  • Asthma के रोगी को प्रति दिन भाप की सिंकाई या बफारा अवश्य लेना चाहिए , इससे श्वास नलिका साफ़ हो जाती है और संकुचन दूर होता है|
  • Asthma का दौरा शुरू होने पर रोगी को गरम पानी के टब में खड़ा करे, इससे श्वास सामान्य होने पर राहत मिलेगी |
  • रोगी रात को सोते समय अपने सिने पर कोई कपड़ा तैलीया, शौल आदि रखकर सोये|
    इससे सिने में गर्माहट बनी रहेती है और श्वास नहीं फूटता|
  • महुआ के फुल , लौंग , काली मिर्च, सोंठ तथा इलायची का काढा सुबह-शाम सेवन करे|
  • Asthma के रोगी हमेशा ढीले तथा आराम दाई कपडे पहने| रोगी का कमरा हवादार होना चाहिए , वहा सीलन नहीं होनी चाहिए|
  • दमा के रोगी बार महीने सुबह-रात्रि में सोने से पहेले गरम पानी से गरारे अवश्य करे|
    साथी २-४ घूंट गरम पानी पिए इससे दमा में बहुत आराम मिलेगा|
  • ठंडी तथा बादी वाली चीजे -आइसक्रीम, दही, चावल, उड़द की डाल, रात में खीरा आदि  का सेवन ना करे |
  • Asthma के रोगी सुबह उठाकर लम्बी सांस खीचकर प्राणायाम करे , इससे रोग में बहुत आराम मिलता है|
  • तली चीजे या चावल खाने के बाद गरम पानी पिए , ठंडा नहीं| गले में इन्फेक्शन नहीं होगा|

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