एरंड का पेड़ के गुण लाभ

इसे आम भाषा में ‘ अरण्डी ‘ भी कहा जाता है | इसके पत्तो पर शाखाओ पर भूरा-भूरा पदार्थ लिपटा रहता है | यह दो प्रकार का होता है – लाल व सफेद | यह वात शमन व शरीर की स्तब्धता को दूर कर गतिशल बनता है | एरंड के पत्ते , मूल , बिज तथा तेल सभी काम में आते है |
एरंड के घरेलू उपाय :
भगन्दर का घरेलु उपाय :
5 ग्राम एरंड के सूखे पत्तो को पीसकर सुबह-शाम ताजा पानी के साथ सेवन करे |
हिचकी को बंद करने के लिए :
एरंड के बीजों की मींगी दही में पिसे , जब वह सड जाए , तब खुजली वाली जगह पर इसकी मालिश करे | एक सप्ताह तक दिन में 2-3 बार मालिश करने से खुजली मिट जाती है |
बवासीर :
इसके हरे पत्ते पीस ले | बनी हुई लुगदी गुदा पर रखकर बंधने व सोते समय कैस्टर ऑयल दूध में डालकर पीने से बवासीर कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है |
आंव :
एक गिलास दूध में आधा चम्मच सौंठ उबालकर ठंडा कर 2 चम्मच कैस्टर ऑयल डालकर रात को सोते समय पीने से दो-तीन दिन पेट की सारी आंव मल के साथ निकल जाती है और पेट साफ़ हो जाता है |
स्तनों का ढीलापन का इलाज:
एरंड के पत्ते को सिरके में पीसकर स्तनों पर लेप लगाने से कुछ ही दिनों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है |
विष निकालने के लिए :
किसी कीड़े ने काटा हो या अफीम आदि विष खा लिया हो तो एरंड की कोपले व पत्तों को कूटकर 30-50 ग्राम रोगी को पिलाने से विष तथा दस्त के रूप में से निकल जाता है |
सियेटीका का उपाय :
आधा को गौमूत्र में दो चम्मच एरंड का तेल मिलाकर सोते समय एक महत्त्व पीने से लाभ होता है |
सूजन को काम कैसे करे :
एरंड के बीज पानी में पीसकर गर्म करके सूजन पर लेप करें या इसके पत्तों पर तेल लगाकर थोड़ा गर्म करके सूजन पर बांधने से सूजन समाप्त हो जाती है |
जुलाब :
एक कप दूध में दो चम्मच कैस्टर ऑयल डालकर सोते समय पीने से सुबह पेट बिल्कुल साफ हो जाता है , बच्चों के लिए आधा चम्मच गोद के शिशु के लिए 8- 10 बूंद तेल डालें |
स्तनों में गाठ का इलाज:
अरण्ड के 100 पत्ते आधी बाल्टी पानी में एक घंटे उबाले | सहने लायक गरम पानी धार के रूप में स्तनों पर डाले | उबले हुए पत्तो की लुगदी बनाकर स्तनों पर कैस्टर ऑइल की मालिश कर लुगदी का लेप लगाकर सुखा ले | इससे गाठ पिघलकर स्तनों में दूध उतरने लगता है |