अमरुद के औषधीय गुण

शीतकाल में होने वाले मौसमी फलों में अमरुद (gauva) एक गुणकारी फल है जो सारे भारत में उपलब्ध रहता है |
यह कच्चा तथा पका हुआ दोनों हो रूप में उपयोग में लाया जाता है | अमरुद की खेती भारत देश में Jharkhand, Bihar, Uttar Pradesh, Maharasthra राज्यों में आराम से की जा सकती है |
इस फल में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का बहुत गुण है |
भोजन के बाद इसे खाने से कब्ज ,अफारा की शिकायत नही होती | बच्चो के लिए यह बहुत उपयोगी और पौष्टिक होता है |
अमरुद के प्रकार
दोस्तों यह फल पांच प्रकार का होता है –
- सेब अमरुद
- बेदाना
- करेला
- इलाहबादी सफेदा
- चित्ते वाला
इलाहबादी अमरुद में गुदा ज्यादा और बीज कम है | जबकि वेदना में बीज नाममात्र का होता है |
कुछ अमरुद अंदर से गुलाबी और कुछ सफेद होते है |
अमरुद के घरेलू आयुर्वेदिक फायदे :
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भांग का नशा उतारने के लिए :
अमरुद के पत्तो का रस पिलाने एव फल खाने से भांग का नशा उतर जाता है |
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दांत के रोगो का इलाज :
मुह से दुर्गंध या मसडो से खून आता हो तो इसकी छाल को पानी में उबलकर उससे कुल्ल्ला करने से दंत रोग हो जाता है |
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खुनी बवासीर में लाभकारी :
इस के पत्ते तथा छाल लेकर एक कप पानी में भिगाए | सुबह इस पानी को इतना उबालो कि पांचवा भाग शेष रहे | इस पानी को छानकर पिने से खूनी बवासीर में शीघ्र लाभ होता है |
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उलटी दस्त का इलाज के लिए :
इसके पत्ते का काढ़ा बनाकर पिलाने से उल्टी व दस्त आने बंद हो जाएगी |
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बच्चो का दस्त ठीक करने के लिए :
बच्चो को बार-बार पतले दस्त लगते हो इसके कोमल ताजे पत्ते व जड़ की छाल उबालकर उसका काढ़ा बनाकर २-२ चम्मच सुबह-शाम पिलाने से लाभ होता है |
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मुह के छाले ठीक करने के लिए :
अमरूद के कोमल हरे पत्ते चबाने से तथा पत्तो में कत्था लगाकर पान की तरह चबाने से मुह के छाले ठीक हो जाते है |
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दांतों का दर्द का इलाज :
अमरूद के पत्ते को चबाने या पानी में उबालकर इस पानी में फिटकरी मिलाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर हो जाता है |
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खूनी दस्त में राहत पाने के लिए :
इसका मुरब्बा खाने से खुनी दस्त में शीघ्र लाभ होता है |
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नेत्र रोग का इलाज करने के लिए :
रात को सोते समय इसके पत्तो की पुल्टिस बांधने से नेत्रों की वेदना , सूजन एव आँखों की लालिमा शीघ्र दूर हो जाती है |
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सूखी खांसी से बचने का उपाय :
अमरुद के रस में शहद मिलाकर पिने से सूखी खांसी ठीक होती है |
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हैजा का इलाज :
अमरूद के वृक्ष का छाल का काढ़ा बनाकर पिलाने से हैजा के प्राथमिक अवस्था में लाभ होता है |
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बार बार प्यास की समस्या दूर करने के लिए :
अमरुद के छोटे –छोटे टुकड़े काटकर पानी में भिगो दे | कुछ समय बाद उस पानी को छानकर पीने से बहुमात्रा के कारण लगने वाली प्यास शमन होता है |
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मानसिक विकार का घरेलु इलाज :
इसका एक पाँव इलाहबादी फल सुबह भोजन के बाद तथा शाम को प्रतिदिन छह हफ्ते तक खाने से मस्तिष्क की मासपेशियो को शक्ति प्राप्त होती है |
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कब्ज का आयुर्वेदिक उपचार:
२-३ अमरुद बीज के साथ खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है |
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स्वस्थ संतान पाने के लिए :
गर्भावस्था में नियमित रूप से अमरुद का फल खाने से बच्चा सेहतमंद पैदा होता है |
जानिए-