नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप? एलर्जिक खांसी आज कल आम बात हो गई है। हर दूसरे आदमी को यह समस्या देखने को मिलती है। खानपान की बदलती आदतें, बदली हुई जीवनशैली, हमारी कुछ गलत आदतें, धूम्रपान तथा तंबाकू का सेवन आदि की वजह से एलर्जिक खांसी हो सकती है। बढ़ता हुआ प्रदूषण, धूल मिट्टी में एक्सपोजर की वजह से भी खांसी हो सकती है। क्या आपको पता है एलर्जी खांसी के लक्षण क्या होते है?
खांसी वैसे दो प्रकार की होती हैं। एक सूखी खांसी और दूसरी बलगम वाली खांसी। वायरल तथा बैक्टेरियल इंफेक्शन की वजह से एलर्जिक खांसी हो सकती है। एलर्जिक खांसी वैसे तो एक दो हफ्तों तक रहती हैं। उसके बाद वह अपने आप ठीक हो जाती है। अगर खांसी ठीक ना हो, तो डॉक्टर की सलाह मशवरा जरूर लें। तो दोस्तो, आज जानते हैं एलर्जिक खांसी के लक्षण, प्रकार, कारण तथा इलाज के बारे में।
एलर्जिक खांसी के कारण
एलर्जिक खांसी के कई कारण हो सकते हैं। जैसे, ठंडी चीजें खाना, कुछ विशिष्ट पदार्थों से एलर्जी, धूल मिट्टी तथा प्रदूषण से एलर्जी आदि। हम एक एक करके सब जानते हैं।
- पोस्टनेसल ड्रीप- इस स्थिति में नाक में मौजूद द्रव गले में जाने लगते हैं। इसकी वजह से भी खासी हो सकती है। पोस्टनेजल ड्रीप की वजह से आमतौर पर बलगम वाली खांसी की तकलीफ हो सकती है।
- साइनस- कई लोगों को साइनस की तकलीफ होती है। ठंडी चीजों का सेवन, ठंडे मौसम में जाने की वजह से साइनस जैसी समस्या होती है और उससे एलर्जिक खांसी हो सकती है।
- अस्थमा- अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत, जी घबराना जैसी दिक्कत होती है। इसमें एलर्जी की वजह से गले में सूजन हो जाती है और श्वसन मार्ग पतला हो जाता है। जिससे सांस फूलती है। एलर्जिक खांसी का एक कारण अस्थमा भी है।
- गैस्ट्रो ईसोफेजियल डिसीज- खाना खाने के बाद लेटने से पेट में मौजूद एसिड वापस भोजन नली से होकर गले में आ जाता है और उसकी वजह से भी खासी की समस्या बढ़ सकती है। इसकी वजह से एसिडिटी बढ़कर सीने में जलन महसूस होती है। एसिड रिफ्लेक्स के कारण भी एलर्जिक खांसी हो सकती है।
- प्रदूषण- कई लोगों को धूल, मिट्टी तथा प्रदूषण की भी एलर्जी होती है। प्रदूषण से होनेवाले एक्सपोजर के कारण भी एलर्जिक खांसी होती है। घर में मौजूद धूल से भी आपको यह समस्या हो सकती है।
- खाने से एलर्जी- कुछ लोगों को विशिष्ट पदार्थों की वजह से एलर्जी होती है। ऐसे पदार्थ खाने के बाद उन्हें एलर्जिक खांसी का सामना करना पड़ सकता है।
एलर्जिक खांसी के प्रकार
एलर्जिक खांसी के उसके लक्षणों के आधार पर कुछ प्रकार होते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
- वूपिंग कफ- यह सूखी खांसी का एक प्रकार है। जिसमे मरीज को तेज और लगातार खांसी आती है। यह बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह खांसी ज्यादातर छोटे बच्चों में होती है। इस समस्या पर भारत देश में वैक्सीन भी उपलब्ध है। इसी के चलते यह खांसी का प्रकार कम मात्रा में देखने को मिलता है।
- हैकिंग कफ- सूखी खांसी का यह प्रकार आमतौर पर वायरल इन्फेक्शन की वजह से होता है। इसमें लगातार खांसी आती है और गले कुछ अटका हुआ है, ऐसा महसूस होता है। यह खांसी ज्यादा होने पर डॉक्टर आपको पूरी ट्रीटमेंट करने को बोलते हैं।
- क्रूप खांसी- वॉइस बॉक्स या लेरिंक्स में सूजन या उसमें होनेवाले संक्रमण की वजह से यह खांसी होती है। इसमें गले में सूजन आ जाती है और दर्द होता है। उससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
एलर्जिक खांसी के लक्षण
एलर्जिक खांसी के कई लक्षण देखने को मिलते हैं। यह लक्षण हर एक इंसान में अलग अलग हो सकते हैं।
- मौसम में बदलाव आते ही खांसी आना और सांस लेने में तकलीफ होना।
- बहुत ज्यादा मात्रा में खांसी आ रही हो, तो उसी के साथ थूक या बलगम के साथ खून निकलना।
- खांसते समय सांस फूलने लगती है और छाती में दर्द होने लगता है।
- खांसी के साथ साथ बुखार आना, बदन दर्द होना।
- शरीर का वजन घटना।
- ठंडे पदार्थ खाने के बाद गले में तकलीफ होकर खांसी शुरू होना।
एलर्जिक खांसी का निदान
खांसी आने के वक्त हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होता कि यह कौनसी खासी है और यह कब रुकेगी? इसीलिए, बेहतर है आप अपने डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करने के लिए कहेंगे।
- एक्स रेे इमेजिंग टेस्ट- एक्स रेे, ब्रोंको स्कोपी और सीटी स्कैन करने से आपके रेस्पिरेटरी मार्ग में संक्रमण की मात्रा तथा फेफड़ों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। यह काफी साधारण एवं महत्वपूर्ण जांच होती है।
- स्पायरोमेट्री- इसमें एक विशिष्ट उपकरण की मदद से डॉक्टर आपको सांस लेने को कहते हैं। इस टेस्ट में आपको अस्थमा के बारे में पता चलता है और आपके फेफड़ों की स्थिति समझ आती है। इससे पता चलता है, कि एलर्जी आपको कहां तक नुकसान पहुंचा रही है।
एलर्जिक खांसी का उपचार
एलर्जिक खांसी वैसे तो आम होती है। किंतु, ज्यादा बढ़ने पर यह खतरनाक साबित हो सकती है। इसी कारण आप उसका उचित समय पर इलाज करे।
- कफ सिरप- यह काफी आसान, आम और प्रचलित उपचार पद्धति है। इसमें डॉक्टर आपको आपकी एलर्जी के अनुसार कफ सिरप लिखकर देंगे। कफ सिरप की वजह से गले में हो रही खराश, सूजन तथा खुजली जैसी तकलीफेंकम होगी और गले को आराम मिलेगा।
- एंटीबायोटिक्स- अगर आपको बैक्टेरियल इंफेक्शन की वजह से एलर्जिक खांसी आ रही है, तो डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक्स देंगे। जिससे संक्रमण कम होने में मदद मिलेगी।
- एंटी हिस्टामाइन- एलर्जी की वजह से सुखी खासी आ रही है, तो डॉक्टर आपको एंटी हिस्टामाइन दवाएं देते हैं।
- इनहैलर- अस्थमा के कारण सुखी खासी हो रही है, तो डॉक्टर आपको कोर्टिकोस्टेरॉइड इनहेलर देंगे। इस दवा की वजह से आपके श्वसन मार्ग की सूजन कम होती है और श्वसन प्रणाली को मजबूत करती हैं। जिससे आप एलर्जिक खांसी को रोक सकते हैं।
एलर्जिक खांसी को कैसे रोकें
दोस्तों, एलर्जिक खांसी को रोका भी का सकता है। इसके लिए हमें कुछ सावधानियां बरतनी होगी।
- धूल, मिट्टी, प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचे और अपने आप को एलर्जी से बचाकर रखें।
- धूम्रपान ना करें और तंबाकू उत्पादों को अपने आप से दूर रखें।
- जिन पदार्थों को खाने से आपको एलर्जी होती है, ऐसी चीजे खाने से बचे।
- ब्रोंकायटिस तथा निमोनिया ग्रस्त मरीजों से दूर रहे।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और शरीर में पानी की मात्रा कम ना होने दे। संतुलित और पोषण से भरे पदार्थों का अपने आहार में समावेश करें।

दोस्तों, कुछ बीमारियों को रोकना हमारे हाथो में होता है। इसीलिए पूरा ख्याल रखकर आप एलर्जिक खांसी से दूर रह सकते हैं। आशा है आपको आज का ब्लॉग एलर्जी खांसी के लक्षण और उपचार अच्छा लगा हो। धन्यवाद।