गठिया रोग

दर्द तो कोई भी हो,बडा पिडादाई होता है | जोडो के दर्द की तकलीप असहनीय होती है |
गठिया होने वाली पिडा को तो इसका सेहेन करने वाला ही अच्छे से जान सकता है | जब यह शुरू होता है तो मरीज का एक डग रखना भी दुभर हो जाता हे |
गठिया होने के कारण –
यह रोग खून की कमी, शारीरिक कमजोरी तथा बुढे लोग में हड्डीया की चिकनाई कम होणे के कारण होता है |
रक्त मे युरिक एसिड नाम का पदार्थ तयार होकर गाँठो में जमा हो जाता है और गाँठो मे दर्द का कारण बनता है |
घुमने से उटने बेटने में दर्द होता हे| कभी कभी तो सुजन भी हो जाती है |
गठिया रोग का घरेलू उपचार :
आयुर्वेदिक में इसके अनेक घरेलू उपचार है |
- 10 ग्राम सोंट का चूर्ण, ५ ग्राम काली मिर्च ,५ ग्राम बायबिडंग तथा ५ ग्राम सेंथा नमक -सबको कूट -पिसकर चुर्ण बनाकर एक शिशी में भर ले |
इस चुर्ण में से आधा चम्मच चुर्ण शुध्द शहद के साथ चांटे |इससे घुटनो को दर्द को आराम मिलेगा | - घुटने पर कच्चे आलु को पिसकर उसकी पुठली बांधे |
- कच्चा करेला ले |इसका रस निकलकर गरम करे और इससे मोलीश करे |
- नागकेसर के बिजो का तेल लेकर रस निकलकर गरम करे और इससे मोलीश करे |
- यदि फालसे की जड मिल जाए तो इसका काढा तैयार करे |इसे पीने से रोग जल्दी शांत होगा |
- गठिया के रोगी को टमाटर या इसका सूप सेवन करते रहना चाहिए |
- प्याज का रस तीन चम्मच निकाले | इससे ३ चम्मच राई का तेल डाले | दोनो मिलाकर धीरे धीरे मालिश करे | गठीया रोग मे बहुत फायदा होता हे |
- एक चम्मच मेथी को पिसकर चूर्ण बना ले | फिर इसे दोपहर के भोजन के बाद ताजा पानी के साथ सेवन कारे | इसका ४० दिन सेवन करणे के बाद घुटनों का दर्द जाता है
- गठिया रोग को जड से मिटाने के लिया असगंध के पंचाग का रस एक कप पी ले | इसें कुछ दिनो तक नियमित पिते रहें |
- सुबह को नित्य क्रिया से निपटने के बाद भूक पेट ३ ग्राम अखरोट की गिरी ,५ ग्राम पीसी हुई सोंठ तथा एक चम्मच अरुंड का तेल ,
तीनो चीजे एक साथ गुनगुने पानी से ले | - दोनो घुटनो पर रात को मिटटी की पट्टी बांधे तथा गरम पानी स्नान करे|
- हर दुसरे दिन अरंडी के पत्ते पर तेल चूपडकर गरम करके घुटनो पर बांथे |
- तुलसी के पत्तो उबाले |भाप उठने दें |प्रभावित अंग पर यह भाप पडने दें |
बाद में इसका पानी जब सहन करणे योग्य गरम रह जाए.
तो इससे प्रभावी अंग को शेकाई करे ,धोएं ,इससे पुरा आराम मिलेगा | - त्रिफला,पिपलामूल ,सोंठ , काळी मिर्च, पिपल-सबको 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर, पीसकर चुर्ण बना ले |इससे से दो चुटकी चुर्ण रोज सुबह शाम शहद के साथ सेवन करे |
- हिंग को घी में मिलाकर हाथ,पैर में मालिश करे, जोडो के दर्द में आराम मिलेगा |
यह तेल स्नयुओ को मजबूत बनता है | - १०० ग्राम कपूर तथा ४०० ग्राम तिल का तेल एक बरतन में बंद कर के धूप में रखे |
जब ठीक प्रकार से मिल जाए तो गठिया के दर्द वाले हिस्से पर मालिश करें,आराम अवश्य मिलेगा | - सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर गठिया में मालिश करने से भी आराम मिलता है |
- लहसून के रस में कपूर मिलाकर मालिश करने से भी गठिया तथा वात रोग में आराम मिलता है |
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